ज्ञानवापी मामले को लेकर SDPI ने किया प्रदर्शन, बताया धार्मिक उन्माद फैलाने की भाजपा रच रही साजिश
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ज्ञानवापी मामले को लेकर SDPI ने किया प्रदर्शन, बताया धार्मिक उन्माद फैलाने की भाजपा रच रही साजिश

कटिहारः बिहार के कटिहार जिले में SDPI की तरफ से समाहरणालय गेट पर प्रदर्शन किया गया. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेता ज्ञानवापी मसले को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. नेता ने इस प्रदर्शन के मौके पर कहा कि हमलोगों ने बाबरी मस्जिद खोया है.

(फाइल फोटो)
(फाइल फोटो)

कटिहारः बिहार के कटिहार जिले में SDPI की तरफ से समाहरणालय गेट पर प्रदर्शन किया गया. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेता ज्ञानवापी मसले को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. नेता ने इस प्रदर्शन के मौके पर कहा कि हमलोगों ने बाबरी मस्जिद खोया है. उन्होंने आगे कहा कि अब ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर भाजपा 2024 के चुनाव में वोट पोलराइजेशन करना चाहती है. जबकि ज्ञानवापी मस्जिद विवाद प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का मजाक है.

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेता ने आगे कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग को लेकर कोर्ट में महिलाओं के द्वारा दिए गए पिटीशन को खारिज किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा द्वारा ज्ञानवापी मामले को लेकर धार्मिक उन्माद फैलाकर वोट लेने के प्रयास को हम सफल नहीं होने देंगे.

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सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के नेता कहा कि आज का प्रोटेस्ट हम लोगों ने एसडीपीआई के बैनर तले ऑर्गेनाइज किया है और यह ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जो विवाद चल रहा है उसको लेकर है. आज जिस तरह बनारस के लोअर कोर्ट ने 4 महिलाओं के पिटीशन को सुना, उसका सर्वे होने का आदेश दिया और सर्वे के बाद जिस तरह से शिवलिंग प्रकट हो गया है. इस बात को प्रचारित करके वजूखाने को सील कर दिया गया, मैं समझता हूं कि यह जो हमारा कानून है प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991, जो पार्लियामेंट से पारित कानून है, इस कानून का खुले तौर पर मजाक है उसका उल्लंघन है.

इस कानून के मुताबिक प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के मुताबिक 15 अगस्त 1947 के समय जो भी धार्मिक स्थल जिस स्थिति में था. पूर्ण रूप से उसको लागू रहना चाहिए, उसी तरह से स्टेटस को मेंटेन होना चाहिए, यही कानून कहता है. मैं समझता हूं कि चाहे गुरुद्वारा हो चाहे मंदिर हो चाहे मस्जिद हो. हमारा यह मानना है कि प्लेसस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 है.उसको पूर्ण रूप से लागू किया जाना चाहिए और यह जो पिटीशन है 4 महिलाओं की तरफ से. यह पूरे तौर पर असंवैधानिक है उस को खारिज किया जाना चाहिए और इस तरह के किसी भी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा के बारे में कोई विवाद नहीं होना चाहिए. जो स्टेटस कोड है उसको मेंटेन होना चाहिए.

हम लोगों ने बाबरी मस्जिद को खो दिया. बाबरी मस्जिद का सुप्रीम कोर्ट में जजमेंट आया.आप उसको पूरे तौर पर पढ़ लीजिए, उसमें कहीं भी यह नहीं कहा गया कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाया गया है. कहीं भी कोई एविडेंस प्रस्तुत नहीं किया गया है बल्कि सारे कृत्य को गैर कानूनी कहा गया. ताला खोलने से लेकर मस्जिद को तोड़ने से लेकर सब चीजों को गैर कानूनी कहा गया. लेकिन उसके बावजूद भी उसको मंदिर के हवाले कर दिया गया. एक पक्ष के हवाले कर दिया गया, ज्ञानवापी के मामले में भी आप अगर देखें तो बाबरी मस्जिद का जो पैटर्न है उसी को अपनाया जा रहा है और कोर्ट के माध्यम से फिर एक तरह से साजिश करने की कोशिश हो रही है. हम इस साजिश को भली-भांति समझ रहे हैं और यह बीजेपी मुद्दे को उछाल रही है.सिर्फ और सिर्फ 2024 में जो इलेक्शन आने वाला है. उस इलेक्शन को नजर रखते हुए वोट पोलराइजेशन के लिए इस तरह की बात हो रही है. मैं भाजपा सरकार को भी चेतावनी देना चाह रहा हूं कि अगर आपने धार्मिक उन्माद फैलाकर वोट लेने का प्रयास किया तो आपका यह प्रयास सफल नहीं होगा. आज जीडीपी धरातल पर है. रुपये डॉलर के मुकाबले में सबसे निचले स्तर पर है, सारी जो बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं देश छोड़ कर जा रही हैं. मंहगाई बिल्कुल चरम पर है.

समाहरणालय के बाहर SDPI के कार्यकर्ताओं ने बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग को लेकर किए गए सर्वेक्षण और वजूखाने को सील करने की वजह से हो रहे विवाद को लेकर प्रदर्शन किया और भाजपा सरकार को चेताया है कि 2024 के इलेक्शन को मद्दे नजर रखते हुए वोट पोलराइजेशन के लिए इस तरह की जो बात हो रही है.

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