KK Pathak News: केके पाठक की मीटिंग का वीडियो वायरल करने वाले अधिकारी को अब जाकर सजा मिली है. बता दें कि यह मामला तब का है, जब केके पाठक बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे.
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KK Pathak News: शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक की बैठक का वीडियो वायरल करने के मामले में एक अधिकारी को अब जाकर दंड मिला है. बता दें कि इस मामले में आरोपी सहरसा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रजनीश कुमार झा को 4 अप्रैल 2024 को सस्पैंड किया गया था. जिसके बाद विभागीय कार्यवाही चलाकर अब उन्हें दंड दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, सहरसा के तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने 20 फरवरी 2024 को शाम के वक्त वीसी की बिना अनुमति के वीडियो कांफ्रेंसिंग का वीडियो रिकार्ड किया था.
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इतना ही नहीं वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर उसे वायरल भी किया था. जिसके बाद आरोपी डीपीओ रजनीश कुमार झा से शिक्षा विभाग ने शोकॉज जारी किया. पूछताछ के बाद आरोपी डीपीओ को 4 अप्रैल 2024 को निलंबित कर दिया. हालांकि अब इस मामले में रजनीश झा को दंडित किया गया है. दरअसल, वीडियो वायरल करने के मामले में डीपीओ के वेतन विद्धि को रोकर उसे रोक दंड दिया गिया है.
बता दें कि शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट में प्रमाणित आरोप के संबंध में इनसे दूसरा स्पष्टीकरण पूछा गया. समीक्षा के बाद शिक्षा विभाग ने डीपीओ रजनीश कुमार झा को असंचयात्मक प्रभाव से एक वेतनवृद्धि पर रोक का दंड दिया है. साथ ही निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता के अतिरिक्त कुछ नहीं देय होगा. बताते चले कि रजनीश कुमार झा वर्तमान में वर्तमान में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय सीवान में प्रतिनियुक्त हैं. जिन्हें शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक की मीटिंग का वीडियो रिकॉर्ड कर वायरल करने के मामले में दंड दिया गया है. इससे पहले पिछले साल 2024 में उन्हें निलंबित भी किया गया था.
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