'मेरा दोनों खराब हो गया था कुल्हा, अगर आयुष्मान भारत कार्ड ना तो...'
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'मेरा दोनों खराब हो गया था कुल्हा, अगर आयुष्मान भारत कार्ड ना तो...'

Gaya News: बिहार के गया में आयुष्मान भारत कार्ड गरीबों के लिए वरदान बन गया है. इस कार्ड से उनको इलाज का लाभ मिल रहा है. मगध मेडिकल कॉलेज में इलाज करवा रही कंच कुमारी ने भी आयुष्मान भारत की तारीफ की.

बिहार की खबरें (File Photo)
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Ayushman Bharat Card: आयुष्मान भारत योजना गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रही है. इस योजना के तहत प्रदान किया जाने वाला आयुष्मान भारत कार्ड लाखों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान कर रहा है, जिससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आ रहा है. बिहार के गया जिले में मगध मेडिकल कॉलेज में इलाज करवा रहे लाभार्थियों की कहानियां इस योजना की सफलता बयां करती हैं.

नालंदा जिले के रहने वाले ललन चौधरी मगध मेडिकल कॉलेज में पिछले डेढ़ महीने से अपने दोनों कुल्हे की समस्या का इलाज करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेरे दोनों पैरों का कुल्हा खराब हो गया था. आयुष्मान भारत कार्ड के जरिए मेरा मुफ्त इलाज हो रहा है. दवाइयां, खाना-पीना सब मुफ्त मिल रहा है. अगर यह कार्ड नहीं होता, तो पांच लाख रुपए का खर्च हमारे लिए असंभव था. मेरे गांव में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए सरकारी टीम घर-घर पहुंची थी, जिससे हमारे गांव के कई लोगों को इस योजना का लाभ मिला. मेरा मानना है कि यह अच्छी योजना है. सरकार ने हम जैसे गरीब लोगों का ख्याल रखा है. इसके लिए हम पीएम मोदी का आभार जताते हैं.

इसी तरह गया के मगध मेडिकल कॉलेज में इलाज करवा रही कंच कुमारी ने भी आयुष्मान भारत की तारीफ की. कंच ने बताया कि उनके पैर में दिक्कत थी, जिसके कारण उन्हें चलने और बैठने में परेशानी हो रही थी. वे पिछले 12 दिन से अस्पताल में भर्ती हैं और उनका इलाज पूरी तरह मुफ्त हो रहा है.

कंच ने कहा कि अस्पताल की टीम ने घर पर ही हमारा कार्ड बनाया था. हमें बताया गया था कि इमरजेंसी में यह कार्ड काम आएगा. आज यह सच साबित हुआ. मेरे इलाज में करीब एक लाख रुपए का खर्च आ रहा है, जो बिना कार्ड के संभव नहीं था. यह योजना गरीबों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है. हम पीएम मोदी का धन्यवाद करना चाहेंगे.

वहीं, गया जिले के मुख्य शल्य चिकित्सक डॉ. राजाराम प्रसाद ने कहा कि यह योजना बहुत ही अच्छी है. यह भारत सरकार और पीएम मोदी की प्राइम और महत्वाकांक्षी योजना है. आयुष्मान कार्ड से गरीब जनता को बड़े पैमाने पर इलाज का लाभ मिल रहा है. साल 2018 में इस योजना का शुभारंभ हुआ था. साल 2018 से लेकर अब तक 13,62,000 लोगों का कार्ड बनाया है. 

अगर हम गया जिले की बात करें तो इस जिले में साल 2024-25 में 18,734 कार्डधारी लोगों का इलाज किया गया है. सरकार की ओर से लगभग 15 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. इसके पिछले साल 6,375 लोगों का इलाज हुआ, जिसमें चार करोड़ दो लाख रुपए खर्च किया गया. इस योजना में एक साल के अंदर तीन गुना इजाफा देखने को मिला. लोगों का समुचित रूप से इलाज किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि 2018 से अब तक 38,424 लोगों का इलाज हुआ है, जिसमें 38 करोड़ 62 लाख रुपए खर्च हुए हैं. गरीब जनता को पहले किसी तरह की कोई सुविधा नहीं थी, लोगों के घर और जमीन बिक जाते थे. वहीं, इस योजना के तहत इलाज का सारा पैसा सरकार वहन करती है. इनमें 9,511 सीनियर सिटीजन का इलाज भी किया गया है. हम आपको बता दें कि गया जिले में 43 अस्पताल हैं, जिसमें आयुष्मान कार्ड योजना इंप्लीमेंट है. कुल 16 प्राइवेट और 27 सरकारी अस्पतालों में यह योजना लागू की गई है. गरीबों का इलाज हमारी प्राथमिकता है.

इनपुट: आईएएनएस

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