Nishant Kumar: दादा-दादी की धरती से होगी निशांत कुमार की पॉलिटिकल लॉन्चिंग! मिल गया संकेत
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2820460

Nishant Kumar: दादा-दादी की धरती से होगी निशांत कुमार की पॉलिटिकल लॉन्चिंग! मिल गया संकेत

Nishant Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार, जो अब तक सार्वजनिक जीवन से दूर रहे हैं, ने बख्तियारपुर में रिवरफ्रंट उद्घाटन के मौके पर पहली बार राजनीतिक मंच साझा किया.

निशांत कुमार
निशांत कुमार

पटना: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज होते जा रही है. इस बीच एक नाम ऐसा भी जो बीते कई महीनों से चर्चा में हैं और ये नाम है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार का. जो अब तक सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन से आमतौर पर दूरी बनाए रखने के लिए जाने जाते थे. लेकिन, अब धीरे-धीरे उनके कदम राजनीति की ओर बढ़ाते नजर आ रहे हैं. हाल ही में बख्तियारपुर में नवनिर्मित रिवरफ्रंट और घाट के उद्घाटन कार्यक्रम में निशांत अपने पिता नीतीश कुमार के साथ मंच साझा करते दिखे. यह उपस्थिति न केवल बख्तियारपुर के लिए एक नई सौगात रही, बल्कि निशांत की बढ़ती सार्वजनिक सक्रियता ने बिहार की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.

बख्तियारपुर नीतीश कुमार की जन्मस्थली और सियासी गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है. 28 जून को गंगा तट पर बने इस आधुनिक रिवरफ्रंट और घाट का उद्घाटन मुख्यमंत्री और उनके बेटे निशांत ने संयुक्त रूप से किया. नीतीश कुमार ने इस मौके पर कहा कि यह परियोजना न केवल स्थानीय निवासियों को सुविधा देगी, बल्कि पर्यटन और धार्मिक आयोजनों को भी बढ़ावा देगी. कार्यक्रम में उन्होंने गंगा आरती में भाग लेकर माहौल को और भव्य बना दिया. वहीं, निशांत कुमार ने मंच से अपने भावनात्मक संबोधन में कहा, ‘बख्तियारपुर मेरा घर है. यहीं मेरे पिता और दादा-दादी रहते थे. मेरी बचपन की यादें इसी जगह से जुड़ी हैं.’ निशांत की यह टिप्पणी और उनकी मंच पर सक्रिय भागीदारी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है.

बता दें कि 49 साल के निशांत कुमार ने बीआईटी मेसरा से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई की है. उन्होंने अब तक राजनीति से दूरी बनाए रखी थी. 2024 में दिए एक बयान में उन्होंने खुद को आध्यात्मिकता और भजनों में रुचि रखने वाला बताया था और राजनीति में आने से साफ इनकार कर दिया था. लेकिन 2025 की शुरुआत से उनके रुख में बदलाव देखा गया है. जनवरी में बख्तियारपुर में स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों के अनावरण के दौरान उन्होंने पहली बार खुले मंच से अपने पिता और जेडीयू के लिए समर्थन की अपील की थी.

विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश कुमार की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए पार्टी के भीतर उत्तराधिकारी की तलाश तेज हो गई है और निशांत की यह बढ़ती उपस्थिति उसी दिशा में उठाया गया कदम हो सकती है. रिवरफ्रंट उद्घाटन जैसे कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी उन्हें जनता के सामने एक संभावित नेता के रूप में प्रस्तुत कर रही है. हालांकि, निशांत ने अब तक अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को लेकर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है. कुछ लोगों का मानना है कि यह केवल पारिवारिक समर्थन तक सीमित है, जबकि अन्य इसे नीतीश कुमार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की तैयारी मान रहे हैं.

ये भी पढ़ें- 170 साल पहले झारखंड के भोगनाडीह से हुई थी अंग्रेजों के खिलाफ पहली क्रांति, 50 हजार से ज्यादा लोग हुए थे शामिल

सोशल मीडिया पर भी इस विषय पर प्रतिक्रियाएं मिलीजुली हैं. एक ओर जेडीयू समर्थक इसे पार्टी के भविष्य के लिए जरूरी कदम बता रहे हैं, तो दूसरी ओर विपक्ष इसे नीतीश के परिवारवाद विरोधी बयानबाज़ी के उलट मान रहे हैं. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि निशांत कुमार राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाते हैं या यह उपस्थिति केवल अपने पिता के समर्थन तक सीमित रहती है.

बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi  हर पल की जानकारी । बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

TAGS

Trending news

;