Sitamarhi News: बिहार के सीतामढ़ी में पुलिस ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन के तहत 3 महीने के भीतर अब तक 21 बच्चों को अलग-अलग दुकान समेत कई प्रतिष्ठानों में छापेमारी कर मुक्त कराया है.
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Sitamarhi News: बिहार के सीतामढ़ी जिले का पुपरी थाना क्षेत्र बाल श्रम मुक्त बनने की राह पर है. सीतामढ़ी पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन के तहत निरंतर बाल श्रम मुक्त थाना क्षेत्र की परिकल्पना साकार करने के लिए अनूठी पहल की जा रही है. इसके लिए बचपन बचाओ आंदोलन के अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी के सूचना के आधार पर पुलिस उपाधीक्षक मो. नजीब अनवर के निर्देशन में अलग-अलग जगहों से 11 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया गया है. यह बड़ी कार्रवाई पुपरी थाना क्षेत्र के अलग-अलग दुकान और प्रतिष्ठानों में की गई है. साथ ही कार्रवाई के बाद संबंधित प्रतिष्ठानों के मालिकों पर प्राथमिकी दर्ज कर नियमानुसार आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है.
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बता दें कि पुलिस एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त कार्रवाई से 3 महीने के भीतर अब तक 21 बच्चों को पुपरी थाना क्षेत्र के अलग-अलग दुकान समेत कई प्रतिष्ठानों में छापेमारी कर मुक्त करवाया गया है. इसमें पुलिस को बड़ी सफलता मिली है.
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बाल श्रम कानून
बताते चलें कि बाल मजदूरी एक कानूनी जूर्म है. जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को किसी भी खतरनाक व्यवसाय या प्रक्रिया में काम कराता है, तो उसे 1 से 6 महीने की जेल या 20,000 से 50,000 रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है. बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के मुताबिक 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी खतरनाक उद्योग या प्रक्रिया में काम करवाना गैर कानूनी और दंडनीय अपराध है.
इनपुट - त्रिपुरारी शरण
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