Delhi Crime News: नेता विपक्ष आतिशी का कहना है कि भाजपा सरकार बढ़ते अपराधों को छुपाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि आप विधायकों ने विधानसभा में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी.
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Delhi Assembly Session: दिल्ली में अपराधों की बढ़ती घटनाओं ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है. अपराध और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) और भाजपा सरकार के बीच एक नया राजनीतिक संग्राम छिड़ गया है. नेता विपक्ष आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को चिट्ठी लिखकर यह सवाल उठाया है कि अगर राजधानी में बलात्कार और गोलीबारी की घटनाएं हो रही हैं, तो क्या इन पर सदन में चर्चा भी नहीं होगी? यह बयान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव को और बढ़ाने वाला साबित हो सकता है.
विधानसभा में दबा दिया गया विपक्ष का सवाल?
नेता विपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार अपराध के बढ़ते मामलों को छुपाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में कानून-व्यवस्था को लेकर आप विधायकों ने सवाल उठाने की कोशिश की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी. आतिशी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है, इसलिए वह इस मुद्दे पर बहस से बच रही है. भाजपा सरकार नाकाम रही है और अब लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने से भी रोक रही है.
दिल्ली में बढ़ते अपराध को छुपाने की BJP सरकार की नाकाम कोशिश
दिल्ली में बढ़ते अपराध और क़ानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात का मुद्दा AAP के विधायकों ने विधानसभा में उठाना चाहा
लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता जी ने AAP विधायकों को ऐसा करने से मना कर दिया
इसी… pic.twitter.com/fYUUSqpTjJ
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) March 27, 2025
क्या कानून-व्यवस्था पर घिरी भाजपा सरकार?
विपक्ष लगातार दिल्ली की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठा रहा है. हाल ही में राजधानी में हुई हिंसा, चोरी, हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. आतिशी ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया कि दिल्ली की भाजपा सरकार और उपराज्यपाल पूरी तरह से कानून-व्यवस्था संभालने में असफल हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और सरकार अपराधियों को रोकने में पूरी तरह से विफल है.
विपक्ष को दबाने की कोशिश या कानून-व्यवस्था पर पर्दा?
यह पहला मौका नहीं है जब विधानसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई हो. इससे पहले भी कई बार विधानसभा सत्रों के दौरान कानून-व्यवस्था को लेकर बहस देखी गई है, लेकिन इस बार विपक्ष के सवालों को हटाने पर नया विवाद खड़ा हो गया है. विपक्ष का कहना है कि भाजपा सरकार चर्चा से बचने की कोशिश कर रही है, जबकि सत्ता पक्ष का दावा है कि कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार की प्राथमिकता है और इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए.
क्या भाजपा पर बढ़ेगा दबाव?
दिल्ली की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी भले ही केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के पास हो, लेकिन राज्य की सत्ताधारी भाजपा सरकार पर भी इस मुद्दे को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. विपक्ष इस मामले को लेकर जनता के बीच भी ले जाने की तैयारी कर रहा है. वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि राजधानी में अपराध के मामलों में तेजी आई, तो यह 2024 के आम चुनावों और दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. विधानसभा में उठे इस विवाद से साफ है कि आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति में अपराध और कानून-व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बनने वाला है. विपक्ष इस पर लगातार हमलावर है, और सत्ता पक्ष इसे राजनीति से प्रेरित आरोप बता रहा है. अब देखना यह होगा कि भाजपा सरकार इस राजनीतिक हमले का कैसे जवाब देती है और क्या विधानसभा में विपक्ष को कानून-व्यवस्था पर बहस का मौका मिलता है या नहीं.
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