Bulldozer Action: भिवानी के हालवास गांव में चला बुलडोजर, 4 पीढ़ियों के आशियाने जमींदोज
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Bulldozer Action: भिवानी के हालवास गांव में चला बुलडोजर, 4 पीढ़ियों के आशियाने जमींदोज

Bulldozer Action In Bhiwani: Bulldozer Action In Bhiwani: भिवानी में प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चला रहा है. कोर्ट के आदेश के तहत गांव की फिरनी पर बनी हुई कई मकानों को तोड़ा गया है. बता दें कि इस कार्रवाई में गरीब और मजदूर तबके के लोगों सबसे ज्याद नूकसान हो रहा है. 

Bulldozer Action: भिवानी के हालवास गांव में चला बुलडोजर, 4 पीढ़ियों के आशियाने जमींदोज

Bhiwani News: भिवानी जिले के हालवास गांव में प्रशासन द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण हटाने के अभियान ने गांव में हड़कंप मचा दिया है. कोर्ट के आदेशों के तहत गांव की फिरनी पर बनी हुई दर्जनों मकानों को तोड़ा जा रहा है. इस कार्रवाई में सबसे अधिक नुकसान गरीब और मजदूर तबके के लोगों को हो रहा है. वर्ष 1992 से पहले बने मकानों में वे रह रहे हैं, उनके बुजुर्गों ने मकान बनाया था. उस समय पटवारी और पंचायत कहा थे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने स्वार्थ की राजनीति को लेकर उनके मकानों को टारगेट बना रहे हैं. ग्रामीणों ने कहा कि भारी पुलिस फोर्स का बल और पीला पंजा घुमा कर ग्रामीणों को पंचायत अधिकारी भयभीत कर रहा है. हमने कोई क्राइम थोड़े किया है. जो गांव को छावनी बना दिया, जिसके चलते कुछ लोग तो भय के कारण अपने बने-बनाए मकानों को तोड़ने में लग गए हैं. कुछ पर पीला पंजा घुमाया जा है, जिससे पीड़ित ग्रामीण प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री, जन प्रतिनिधियों और माननीय कोर्ट से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें न्याय दिया जाए.

तोड़े जा रहे मकान
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन ने न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था दी और न ही कोई मुआवजा. 4 पीढ़ियों से जो लोग इन मकानों में रह रहे हैं, उन्हें अब बेघर कर दिया गया है. ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए कहा कि मकान की दीवारें अगर फिरनी से 1 से 3 फीट बाहर भी हैं तो उन्हें तोड़ देना न्यायसंगत नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि एक ओर सरकार गरीबों को मकान और जमीन देने की बात करती है. वहीं दूसरी ओर बने बनाए मकानों को तोड़ रही है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

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मामला कोर्ट के संज्ञान में है
गांव के रामकिशन ने प्रशासन की कार्रवाई को एकतरफा और गरीब विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि यदि फिरनी पर वास्तव में कोई अतिक्रमण है तो केवल वही हिस्सा हटाया जाए, लेकिन संपूर्ण मकान को नुकसान पहुंचाना अमानवीय है. उन्होंने सरकार और न्यायालय से अपील की है कि इस मुद्दे का गहन संज्ञान लें और जिनके मकान टूटे हैं उन्हें उचित मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा दी जाए या सरकार गरीबों को आर्थिक सहयोग दे ताकि वह अपने मकान को सही कर सकें. वहीं, पंचायत अधिकारी का कहना है कि यह कार्रवाई हाई कोर्ट के आदेशों के अनुसार की जा रही है. इसमें कोई पक्षपात नहीं है. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने का कार्य कानूनन है, लेकिन ग्रामीणों की पीड़ा को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे. मामला अब सरकार और न्यायालय के संज्ञान में है और सभी की निगाहें आने वाले निर्णय पर टिकी हैं.

Input- NAVEEN SHARMA

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