Chandigarh News: किसानों की मेहनत भीगी तो सजा तय, सीएम बोले- अब नहीं बचेंगे अधिकारी
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Chandigarh News: किसानों की मेहनत भीगी तो सजा तय, सीएम बोले- अब नहीं बचेंगे अधिकारी

Haryana State Agricultural Marketing Board: सीएम सैनी ने कहा कि अनाज मंडियों में मौसम पर लगातार नजर रखी जाए और अगर बारिश की संभावना हो तो पहले से पूरी तैयारी कर ली जाए. उन्होंने कहा कि मंडियों में फसल को बचाने के लिए तिरपाल, शेड और पानी निकासी (ड्रेनेज) की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.

 

Chandigarh News: किसानों की मेहनत भीगी तो सजा तय, सीएम बोले- अब नहीं बचेंगे अधिकारी
Chandigarh News: किसानों की मेहनत भीगी तो सजा तय, सीएम बोले- अब नहीं बचेंगे अधिकारी

CM Nayab Singh Saini: हरियाणा की मंडियों में हाल ही में हुई बारिश के बाद अनाज की भीगने की घटनाओं ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कृषि विपणन बोर्ड के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी भी किसान की सरसों या गेहूं मंडी में बारिश के कारण खराब होती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

मुख्यमंत्री ने नाथूसरी चौपटा, सिरसा और नारनौंद की अनाज मंडियों में फसलें भीगने की खबरों पर तुरंत संज्ञान लिया. उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि किसान की मेहनत की कीमत सरकार अच्छी तरह समझती है और उसका नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब समय आ गया है कि मंडी व्यवस्थाओं को मौसम के अनुसार तैयार किया जाए, ताकि कोई भी फसल बारिश या लापरवाही की भेंट न चढ़े. सीएम सैनी ने कहा कि अनाज मंडियों में मौसम की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जाए और बारिश की संभावना को देखते हुए पहले से व्यवस्था की जाए. फसल को ढकने के लिए पर्याप्त तिरपाल, शेड और ड्रेनेज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि जिन मंडियों में लापरवाही पाई गई है, वहां संबंधित अधिकारियों के खिलाफ़ समयबद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए और इसकी रिपोर्ट उन्हें व्यक्तिगत रूप से दी जाए.

इसके अलावा किसानों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को भी निर्देश दिए कि वे मंडियों का औचक निरीक्षण करें और मौसम की हर अपडेट के अनुसार तैयारियां सुनिश्चित करें. हरियाणा सरकार की यह सख्ती ऐसे समय में आई है जब किसानों को पहले ही मौसम की मार और फसल बिक्री में देरी से नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री के इस रुख से साफ है कि अब मंडियों की लापरवाही नहीं चलेगी. किसानों ने भी मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में उनकी फसल की बेहतर सुरक्षा होगी. यह फैसला राज्य में कृषि व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

इनपुट-  अभिषेक मालवीय

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