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Delhi News: केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने हाल ही में बाल विवाह के खिलाफ एक महत्वपूर्ण आह्वान किया. उन्होंने विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं और विवाह संपन्न करने वाले पुरोहितों से अपील की कि वे बाल विवाह के खात्मे में सरकार के प्रयासों में सहयोग करें. उनका मानना है कि सबके मिले-जुले प्रयासों से हम इस बुराई को समाप्त कर सकते हैं, जैसा कि अतीत में सती प्रथा जैसी कुप्रथाओं का उन्मूलन हुआ. बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो बच्चों के विकास और उनके अधिकारों का उल्लंघन करती है. यह न केवल बच्चों के भविष्य को प्रभावित करता है, बल्कि समाज के विकास में भी बाधा डालता है. डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि भारत ने पहले भी कई कुरीतियों का खात्मा किया है, और उन्हें विश्वास है कि बाल विवाह का भी अंत होगा.
बाल विवाह मुक्त भारत के लिए सरकार कर रही काम
डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारी सरकार बाल विवाह मुक्त भारत के सपने को पूरा करने और बच्चों के चौतरफा कल्याण और सशक्तीकरण के लिए काम कर रही है.
15,000 गांवों को बाल विवाह मुक्त करने के लिए पहल
जेआरसी के सहयोगी एवीए ने हाल ही में देश के 12 राज्यों के 73 आकांक्षी जिलों के 104 प्रखंडों के 15,000 गांवों में बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा व सशक्तीकरण और इन गांवों को बाल विवाह मुक्त घोषित करने के लिए नीति आयोग से हाथ मिलाया है. एवीए वर्षों से बाल मजदूरी और बच्चों की ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले अग्रणी संगठन के तौर पर बच्चों को ट्रैफिकिंग गिरोहों और उनका शोषण करने वाले नियोक्ताओं से उन्हें मुक्त करा रहा है.
जागरूक समाज सफलतापूर्वक खत्म कर सकता है बाल विवाह
डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि नागरिक संगठनों और विभिन्न धर्मगुरुओं के सहयोग से एक जागरूक समाज सफलतापूर्वक बाल विवाह की रोकथाम कर सकता है. इसके लिए सभी धर्मों के धर्मगुरुओं को अपनी मान्यताओं और परंपराओं को परे रखते हुए 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए दृढ़संकल्प और प्रतिबद्धता के साथ काम करना चाहिए.
कैसे रोक सकते हैं बाल विवाह
देशभर से आए बाल अधिकार कार्यकर्ताओं और जिला समन्वयकों को संबोधित करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा कि नीति आयोग के साथ एवीए का यह सहयोग बाल विवाह, बाल मजदूरी और बच्चों की ट्रैफिकिंग के खात्मे के लिए निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है. ऋभु ने कहा, भारत एक ऐसा विश्वगुरु बनने की राह पर है जो वंचितों, शोषितों को उनके हक दिलाने की अगुआई करेगा. आज हमारे कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि पूरी दुनिया हमें देख रही है. अगर हम हर जरूरतमंद बच्चे को शिक्षा और सरकारी योजनाओं से जोड़ सकें तो यह साझेदारी बाल विवाह और बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकने की दिशा में एक मील का पत्थर और अहम पड़ाव साबित हो सकती है.
बाल विवाह के खात्मे के लिए रणनीति
उन्होंने कहा कि बाल विवाह-मुक्त भारत अब महज संभावना नहीं बल्कि यह अवश्यंभावी है. 2030 तक देश से बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें रोकथाम, सुरक्षा और कानूनी कार्रवाई की समग्र रणनीति पर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि आज जमीनी स्तर पर हो रहे बदलाव व्यापक स्तर पर बनने वाली नीतियों को प्रभावित कर रहे हैं और व्यापक नीतियां अब जमीनी स्तर पर बच्चों तक पहुंच रही हैं.