Illegal Bangladeshi Immigrants: दिल्ली के अशोक विहार में पुलिस की विदेशी सेल ने 18 अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा. ये लोग बिना दस्तावेज के भारत में छिपकर रह रहे थे. जांच में बैन किया गया IMO ऐप मिला, जिससे ये अपने देश संपर्क में थे और सभी पर कानूनी कार्रवाई हुई.
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Delhi: दिल्ली के उत्तर-पश्चिम जिले की विदेशी सेल ने अशोक विहार इलाके में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 18 अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. इनमें 5 लोग खुद को ट्रांसजेंडर बताकर भीख मांग रहे थे, जबकि वे वास्तव में ट्रांसजेंडर नहीं थे. पुलिस को इनके पास से 7 मोबाइल फोन भी मिले हैं, जिनमें प्रतिबंधित IMO ऐप मौजूद था, जिसकी मदद से ये लोग बांग्लादेश में अपने परिवार से संपर्क कर रहे थे.
कैसे हुआ खुलासा
पुलिस को लगातार सूचना मिल रही थी कि अशोक विहार की झुग्गियों और गली-मोहल्लों में कुछ संदिग्ध लोग अवैध रूप से रह रहे हैं. इसी आधार पर पुलिस की दो टीमें बनाकर एक विशेष ऑपरेशन चलाया गया. टीमों ने लगभग 100 झुग्गियों और 150 गलियों में जांच की.
ऑपरेशन-I: पहला खुलासा
जांच के दौरान एक संदिग्ध युवक को रोका गया, जो खुद को पहले भारतीय बताने की कोशिश करता रहा, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि वह बांग्लादेशी है. इसके बाद पुलिस ने उसके परिवार के बाकी लोगों को भी ढूंढ निकाला. कुल 13 लोग (10 बड़े और 3 बच्चे) बिना पासपोर्ट या वीजा के भारत में रह रहे थे. इन सभी के खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम (Foreigners Act) के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
ऑपरेशन-II: नकली ट्रांसजेंडर का भंडाफोड़
पुलिस ने इलाके में पांच लोगों को देखा जो महिलाओं की तरह साड़ी-सलवार पहनकर, बिंदी लगाकर और गहनों से सजे हुए भीख मांग रहे थे. शक होने पर जब उनकी गहराई से जांच की गई तो पता चला कि ये लोग असली ट्रांसजेंडर नहीं बल्कि बांग्लादेशी नागरिक हैं. इन लोगों ने अपनी पहचान छुपाने के लिए आवाज और चाल-ढाल बदल ली थी और कुछ ने हार्मोन ट्रीटमेंट और मामूली सर्जरी भी करवाई थी ताकि वे ट्रांसजेंडर जैसे दिख सकें. उनका मकसद था कि वे भीड़ में छिपकर पुलिस की नजरों से बच सकें और भीख मांगकर अपनी जिंदगी चला सकें.
आगे की क्या है कार्रवाई
इन सभी 18 बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लेकर विदेशी सेल ले जाया गया है, जहां पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया जारी है. पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इन लोगों को किस नेटवर्क के जरिए भारत में घुसाया गया और कौन इनकी मदद कर रहा था. यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा नियंत्रण के नजरिए से बेहद अहम मानी जा रही है.
इनपुट- अभिषेक मालवीय
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