Delhi News: AAP के 21 MLA को विधानसभा में क्यों नहीं दी एंट्री, विजेंद्र गुप्ता ने दिया जवाब
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Delhi News: AAP के 21 MLA को विधानसभा में क्यों नहीं दी एंट्री, विजेंद्र गुप्ता ने दिया जवाब

Delhi News: दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता (LoP) आतिशी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के 21 विधायकों के निलंबन पर "अन्याय" का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखा. 

Delhi News: AAP के 21 MLA को विधानसभा में क्यों नहीं दी एंट्री, विजेंद्र गुप्ता ने दिया जवाब

Delhi News: दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता (LoP) आतिशी ने आम आदमी पार्टी (AAP) के 21 विधायकों के निलंबन पर "अन्याय" का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने आप विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोके जाने का मुद्दा उठाया. इस पत्र का दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने AAP विधायक और नेता प्रतिपक्ष आतिशी के पत्र का जवाब लिखा. उन्होंने कहा कि पिछले 12 साल से विपक्ष सरकार में थी और उन्हें सदन के नियमों से अनभिज्ञ हैं.

विजेंद्र गुप्ता ने पत्र में लिखा, नियम 277, बिंदु 3(डी) स्पष्ट रूप से बताता है कि एक सदस्य जिसे सदन की सेवा से निलंबित कर दिया जाता है, उसे सदन के परिसर में प्रवेश करने और सदन और समितियों की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया जाएगा. इसलिए, यह स्पष्ट है कि जब किसी सदस्य को निलंबित किया जाता है, तो उसे इन प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश से वंचित कर दिया जाता है, जो कि एक स्थापित संसदीय परंपरा है. 

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विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह बहुत ही हैरनी की बात है कि विपक्ष सदन में कार्य संचालन से संबंधित नियमों और विनियमों से अनभिज्ञ है, विशेष रूप से तब जब पिछले 12 वर्षों तक सरकार में थे. विधानसभा स्पीकर ने पत्र में आगे लिखा कि 24 फरवरी को जब अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ, यह एक गरिमामयी प्रक्रिया होनी चाहिए थी. मगर विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी कर इस प्रक्रिया को बाधित किया. इस हरकत के बावजूद, मैंने संयम बरतते हुए किसी भी विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे कि हमारी नई विधानसभा अवधि की शुरुआत लोकतांत्रिक समावेशन की भावना से हो.

उन्होंने आगे लिखा कि 25 फरवरी को जब एलजी ने भाषण दिया तो विपक्षी विधायकों ने फिर से बाधा डाली, जिससे उपराज्यपाल अपने संबोधन को ढंग से पूरा नहीं कर सके. यह आचरण पांचवीं अनुसू‌ची के स्पष्ट उल्लघन के अंतर्गत आता है.  इसके तहत अगर कोई सदस्य एलजी  के सदन में उपस्थित रहते हुए उनके अभिभाषण को किसी भी तरीके से बाधित करता है, फिर चाहे वह बिंदु-विशेष उठाने या वाकआउट करने या किसी अन्य हो तो इसे एलजी के प्रति अनादर और सदन की अवमानना माना जाएगा, इसलिए बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

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