Delhi News: साइबर ठगों के जाल में फंसे DRDO के पूर्व वैज्ञानिक, खाते से उड़ाए 40 लाख रुपये
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Delhi News: साइबर ठगों के जाल में फंसे DRDO के पूर्व वैज्ञानिक, खाते से उड़ाए 40 लाख रुपये

Cyber Crime: ठगों ने DRDO के पूर्व वैज्ञानिक को फर्जी बैंक कस्टमर केयर बनकर फोन किया. उन्होंने कहा कि उनके बैंक खाते में कुछ तकनीकी दिक्कत आ गई है, जिसे ठीक करने के लिए एक ऐप डाउनलोड करना होगा. ठगों की बातों पर भरोसा करके वैज्ञानिक ने अपने फोन में वह ऐप (APK फाइल) इंस्टॉल कर लिया.

 

Delhi News: साइबर ठगों के जाल में फंसे DRDO के पूर्व वैज्ञानिक, खाते से उड़ाए 40 लाख रुपये
Delhi News: साइबर ठगों के जाल में फंसे DRDO के पूर्व वैज्ञानिक, खाते से उड़ाए 40 लाख रुपये

Delhi NCR News: दिल्ली में साइबर अपराधियों ने ठगी का एक नया तरीका अपनाते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के एक पूर्व वैज्ञानिक से 40 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली. इस घटना की जांच में पुलिस ने साइबर ठगों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया और चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह झारखंड और राजस्थान से ऑनलाइन ठगी का रैकेट चला रहा था.

कैसे हुआ ठगी का शिकार?
पीड़ित DRDO के पूर्व वैज्ञानिक को ठगों ने एक फर्जी बैंक कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर कॉल किया. उन्होंने बताया कि उनके बैंक खाते में कुछ तकनीकी समस्या आ गई है और उसे ठीक करने के लिए उन्हें एक ऐप डाउनलोड करना होगा. पीड़ित को भरोसे में लेकर ठगों ने उनके मोबाइल में एक एंड्रॉयड पैकेज किट (APK) फाइल इंस्टॉल करवाई, जिसमें एक खतरनाक मालवेयर छिपा था. इस मालवेयर के जरिए साइबर अपराधियों ने वैज्ञानिक के बैंक खाते, पैन कार्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा ली. इसके बाद अपराधियों ने बैंक खाते से 40 लाख रुपये उड़ा लिए.

चार आरोपी गिरफ्तार, बड़ा नेटवर्क बेनकाब
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने जांच में तेजी दिखाते हुए चार आरोपियों- इकबाल अंसारी, साजिद खान, सलमान खान और नरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया. ये अपराधी झारखंड के देवघर और राजस्थान के मेवात से इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे थे. पुलिस ने इनके पास से पांच स्मार्टफोन, कई फर्जी दस्तावेज और पीड़ितों की निजी जानकारी से भरी फाइलें बरामद की हैं.

फर्जी कस्टमर केयर कॉल से करते थे ठगी
पुलिस के अनुसार यह गिरोह बैंक कस्टमर केयर प्रतिनिधि बनकर लोगों को कॉल करता था. वे ग्राहकों को झूठी जानकारी देकर डराने की कोशिश करते थे कि उनके बैंक खाते में कोई समस्या आ गई है. फिर, समाधान देने के बहाने वे पीड़ितों को एक APK फाइल डाउनलोड करने के लिए कहते थे. यह फाइल मालवेयर युक्त होती थी, जिससे ठगों को मोबाइल का पूरा कंट्रोल मिल जाता था और वे बैंकिंग जानकारियों को आसानी से एक्सेस कर लेते थे.

कैसे बचें ऐसे साइबर ठगों से?
अज्ञात नंबर से आए कॉल्स पर सतर्क रहें: किसी भी अनजान नंबर से बैंक, कस्टमर केयर या टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर कॉल आए तो तुरंत बैंक से खुद संपर्क करें.

कोई ऐप या फाइल डाउनलोड न करें: बैंक या किसी भी वित्तीय संस्था का कोई भी अधिकारी कभी किसी ग्राहक को APK फाइल या किसी अनजान ऐप को इंस्टॉल करने के लिए नहीं कहता.

ओटीपी और पर्सनल जानकारी साझा न करें: बैंकिंग से जुड़ी जानकारी, OTP, UPI पिन या पासवर्ड किसी को भी न बताएं.

बैंकिंग ऐप्स को सुरक्षित रखें: हमेशा अपने बैंकिंग ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर या आधिकारिक स्रोत से ही डाउनलोड करें.

पुलिस कर रही है जांच जारी
दिल्ली पुलिस अब इस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश कर रही है. पुलिस का मानना है कि इस रैकेट के तार अन्य राज्यों में भी फैले हो सकते हैं. साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस ने लोगों को जागरूक रहने और सतर्कता बरतने की सलाह दी है.

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