Traffic : गुरुग्राम के लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए GMDA ने एक प्लान तैयार किया है. इसके तहत एआई की मदद से रोड सिग्नल सिस्टम में बदलाव किया जाएगा. इसके बाद अगर किसी वाहन चालक को एक जगह पर हरी बत्ती मिलती है तो उन्हें लगातार दो से तीन सिग्नल ग्रीन ही मिलेंगे.
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GDMA Plan For Green Corridor : गुरुग्राम के लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMDA) और ट्रैफिक पुलिस मिलकर काम कर रही है. ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों की मानें तो एक महीने में इस योजना को कार्यरूप दे दिया जाएगा. योजना के तहत ट्रैफिक लाइट सिस्टम में बदलाव करके गुरुग्राम की हर सड़क पर ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा. इससे वाहन चालकों को बार-बार हर सिग्नल पर ब्रेक लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सड़क पर उन्हें स्मूथ एक्सपीरियंस देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया जाएगा.
अपने अक्सर देखा होगा कि वाहन चालक रेड सिग्नल पर खड़े होते हैं और उनके पीछे या तिराहे का सिग्नल ग्रीन हो जाता है. ऐसे में पीछे से आई गाड़ियां भी रेड सिग्नल पर आकर रुक जाती है और लिहाजा जाम लगने लगता है. AI-आधारित सिग्नल सिस्टम से यह समस्या हल होगी.
इसका मतलब है कि किसी सड़क पर हरी बत्ती मिलने के बाद वाहन चालक को अगले कुछ चौराहों पर भी लगातार ग्रीन सिग्नल ही मिलेगा, जिससे बिना रुके गाड़ियां गुजरती रहेंगी और जाम की समस्या कम होगी. डीसीपी ट्रैफिक राजेश मोहन की मानें तो ग्रीन कॉरिडोर बनाने का मकसद ट्रैफिक का नॉनस्टॉप संचालन है. यह ग्रीन कॉरिडोर वाहनों के लिए होगा जिसमें अगर एक ट्रैफिक सिग्नल से वाहन निकलते हैं तो उन्हें अगले सिग्नल पर फंसना न पड़े.
हालांकि शुरुआती दौर में थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में यातायात पुलिसकर्मी ट्रैफिक लाइट पर तैनात रहेंगे और यदि कोई समस्या आती है तो वे ट्रैफिक लाइट को सामान्य कर देंगे. पुलिस उपायुक्त यातायात ने बताया कि अगर किसी वाहन चालक को एक जगह पर हरी बत्ती मिलती है तो उन्हें लगातार दो से तीन सिग्नल ग्रीन ही मिलेंगे. इससे उन्हें जाम से काफी राहत मिलेगी. इस तरह का कॉरिडोर दिल्ली में भी बनाया गया है.इससे गुरुग्राम में लगने वाले जाम को खत्म करने और ट्रैफिक के स्मूथ संचालन में मदद मिलेगी.
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