शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला न देने के मामले में गुरुग्राम के 245 प्राइवेट स्कूलों को जिला शिक्षा विभाग ने नोटिस भेजा है.
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Gurugram News: शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला न देने के मामले में गुरुग्राम के 245 प्राइवेट स्कूलों को जिला शिक्षा विभाग ने नोटिस भेजा है. यह कदम उन स्कूलों के खिलाफ उठाया गया है जो आरटीई के तहत निर्धारित 25 प्रतिशत सीटों पर ईडब्ल्यूएस बच्चों को दाखिला देने में विफल रहे हैं. स्कूलों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है.
गुरुग्राम जिले में 529 मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल संचालित हैं. इन स्कूलों में आरटीई के तहत 25 फीसदी सीटों पर कुल 470 आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दाखिला देना था. लेकिन, अब तक केवल 92 बच्चों को ही दाखिला मिल पाया है. इसके अलावा, निजी स्कूलों ने 199 छात्रों के आवेदनों का वेरिफिकेशन तक नहीं किया और 179 आवेदनों को रद्द कर दिया. यह स्थिति अभिभावकों के लिए चिंताजनक है, जो अपने बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं.
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अभिभावक दस्तावेजों को लेकर भटक रहे हैं, जबकि आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. कई अभिभावक जिला शिक्षा कार्यालय में दस्तावेज जमा कराने के लिए दौड़ते रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने ऑनलाइन आवेदन किया था, लेकिन स्कूलों की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है. निजी स्कूलों की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए आरक्षित सीटों पर दाखिला देने में रुचि न दिखाने से आरटीई के तहत प्रवेश मिलना मुश्किल हो रहा है. जिला शिक्षा विभाग इस मामले में निजी स्कूलों पर दबाव नहीं बना पा रहा है. अभिभावकों का कहना है कि हर सत्र में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के साथ भेदभाव किया जा रहा है, जिससे बच्चों को दाखिला नहीं मिल पा रहा है.
नवीन अग्रवाल, नोडल अधिकारी, आरटीई हरियाणा ने कहा है कि आरटीई के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दाखिल न देने वाले निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. यदि 15 दिन में जवाब नहीं दिया गया, तो संबंधित स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सभी शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए है.