पहले पिता ने किया सुसाइड, फिर भाई का हुआ मर्डर...अब हिमानी का सूटकेस में बंद मिला शव, हत्या महज एक अपराध है या राजनीति का षड्यंत्र?
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पहले पिता ने किया सुसाइड, फिर भाई का हुआ मर्डर...अब हिमानी का सूटकेस में बंद मिला शव, हत्या महज एक अपराध है या राजनीति का षड्यंत्र?

Himani Narwal Murder Case : हिमानी नरवाल की हत्या सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं लग रही, बल्कि इसके पीछे कोई गहरी साजिश नजर आ रही है. पुलिस की जांच अभी जारी है, लेकिन सवाल यही है कि क्या यह हत्या एक व्यक्तिगत रंजिश का परिणाम थी या फिर यह राजनीति के खतरनाक खेल का हिस्सा थी.

Himani Narwal Murder Case : पहले पिता ने किया सुसाइड, फिर भाई का हुआ मर्डर...अब हिमानी का सूटकेस में बंद शव, हत्या महज एक अपराध है या राजनीति का षड्यंत्र?
Himani Narwal Murder Case : पहले पिता ने किया सुसाइड, फिर भाई का हुआ मर्डर...अब हिमानी का सूटकेस में बंद शव, हत्या महज एक अपराध है या राजनीति का षड्यंत्र?

रोहतक: हरियाणा के रोहतक जिले में कांग्रेस नेता हिमानी नरवाल की हत्या ने पूरे राजनीतिक जगत को हिला कर रख दिया है. एक होनहार नेता जो भविष्य में कांग्रेस का बड़ा चेहरा बन सकती थीं, उनकी इस तरह से हत्या किया जाना कई सवाल खड़े कर रहा है. हिमानी की लाश 24 घंटे पहले एक सूटकेस में बंद मिली और पुलिस अब इस हत्याकांड के पीछे की गहरी साजिश को खंगाल रही है. क्या यह मामला एक व्यक्तिगत रंजिश का है या फिर राजनीति के काले गलियारों में बुनी गई कोई खतरनाक साजिश है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, अब रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि हत्या किस तरह की गई. जानकारी के लिए बता दें कि हिमानी की पिता ने सुसाइड किया था और उनके भाई का भी मर्डर किया गया था.

राजनीति में बढ़ता कद, बढ़ते खतरे
हिमानी नरवाल कांग्रेस की सक्रिय नेता थीं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी और जल्द ही कांग्रेस में एक उभरता हुआ चेहरा बन गईं. उन्होंने 'भारत जोड़ो यात्रा' में भी हिस्सा लिया था और राहुल गांधी के साथ उनकी तस्वीरें मीडिया में चर्चा का विषय बनी थीं. उनका तेजी से बढ़ता राजनीतिक कद क्या उनकी हत्या की वजह बना. यह सवाल अब कांग्रेस पार्टी के अंदर भी गूंज रहा है.

परिवार पर आईं लगातार त्रासदियां
हिमानी का पारिवारिक जीवन भी काफी संघर्षपूर्ण रहा है. उनके पिता ने कई साल पहले आत्महत्या कर ली थी और उनके भाई की हत्या रंजिश के चलते कर दी गई थी. इन घटनाओं ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डाला, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि कहीं उनके पिता और भाई की त्रासदी का कोई संबंध इस हत्याकांड से तो नहीं है.

हत्या का तरीका और गहराता शक
पुलिस को हिमानी का शव रोहतक के सांपला क्षेत्र में एक फ्लाईओवर के पास सूटकेस में ठूंसकर मिला. शव के चेहरे का रंग नीला पड़ चुका था, जिससे साफ संकेत मिलता है कि उनकी गला घोंटकर हत्या की गई होगी. शव के हाथों में मेहंदी लगी हुई थी, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि हत्या के वक्त वह हाल ही में किसी समारोह में शामिल हुई थीं. वारदात से पहले हिमानी अपने दोस्तों के साथ थीं, जिसके बाद उनका कोई पता नहीं चला. यह पहलू भी जांच के दायरे में है कि क्या उनके दोस्तों में से कोई इस हत्या में शामिल है या फिर यह किसी बाहरी व्यक्ति का काम है? पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि क्या यह हत्या कोई सुनियोजित साजिश थी, जिसमें उनके करीबी लोग भी शामिल हो सकते हैं.

क्या यह राजनीतिक हत्या है?
हिमानी नरवाल की हत्या महज एक आपराधिक मामला नहीं लग रही, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक दुश्मनी की बू आ रही है. कांग्रेस पार्टी ने इस हत्या को गंभीरता से लिया है और इस पर एसआईटी जांच की मांग की है. कांग्रेस नेता इसे एक षड्यंत्र मान रहे हैं और पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं. यह भी संभव है कि उनके बढ़ते राजनीतिक प्रभाव से कुछ लोग असहज हो गए हों और उन्हें रास्ते से हटाने के लिए यह क़दम उठाया गया हो. राजनीति में ऐसे कई उदाहरण पहले भी सामने आ चुके हैं, जहां महत्वाकांक्षी नेताओं को साजिशन निशाना बनाया गया.

महिला नेता होने का भी था दबाव?
भारत में महिला नेताओं को अक्सर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे राजनीतिक क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही होती हैं. हिमानी भी एक युवा और उभरती हुई नेता थीं, जिन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी. क्या यह हत्या उनके महिला होने की वजह से भी हुई. क्या किसी ने उन्हें राजनीतिक तौर पर कमजोर करने के लिए ऐसा किया.

कांग्रेस का आक्रोश और न्याय की मांग
हिमानी की हत्या के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश बढ़ गया है. पार्टी के कई नेताओं ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया है और इस मामले में जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ने की मांग की है. कांग्रेस ने इस मामले को उच्च स्तर की जांच एजेंसी को सौंपने की मांग भी उठाई है ताकि इसमें किसी तरह की राजनीतिक दखलअंदाजी न हो.

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