Silver Notice: भारत का पहला सिल्वर नोटिस जारी, जानें आखिर ये होता क्या है ?
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Silver Notice: भारत का पहला सिल्वर नोटिस जारी, जानें आखिर ये होता क्या है ?

What is Silver Notice: सिल्वर नोटिस के जरिए ऐसे अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाने और उन पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी. भारत में  इसे पायलेट प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया गया. इस प्रोजेक्ट में कुल 51 देश हैं और सभी को 9 नोटिस जारी करने का अवसर मिलेगा 

Silver Notice: भारत का पहला सिल्वर नोटिस जारी, जानें आखिर ये होता क्या है ?

What is Silver Notice: इंटरपोल ने 'सिल्वर नोटिस' नाम से एक नई सुविधा शुरू की है, जिसके तहत दुनियाभर के देशों को अपराधियों की संपत्तियों से जुड़ी जानकारी आपस में साझा करने में मदद मिलेगी. इस नोटिस के जरिए सदस्य देश किसी व्यक्ति की अवैध कमाई से जुड़ी संपत्तियों जैसे मकान, गाड़ियां, बैंक खाते और व्यापार आदि की जानकारी मांग सकते हैं. इससे धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, नशा तस्करी और अन्य गंभीर अपराधों में जुटाई गई संपत्ति को ट्रैक करने और जब्त करने की प्रक्रिया आसान होगी.

भारत की भागीदारी और पायलट प्रोजेक्ट
यह सुविधा फिलहाल एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई है, जिसमें 51 देश शामिल हैं. यह पायलट प्रोजेक्ट नवंबर 2025 तक चलेगा और हर देश को इसमें 9 सिल्वर नोटिस जारी करने का मौका मिलेगा. भारत ने CBI, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के मामलों में सिल्वर नोटिस के लिए आवेदन दिए हैं.

पहला मामला: शौकीन शुभम- वीजा घोटाला
23 मई 2025 को भारत का पहला सिल्वर नोटिस CBI ने शौकीन शुभम के खिलाफ जारी करवाया, जो एक विदेशी देश के दिल्ली स्थित दूतावास में वीजा और स्थानीय कानून अधिकारी के पद पर था. 
सितंबर 2019 से मई 2022 के बीच उसने दूसरों के साथ मिलकर शेंगेन वीजा दिलवाने के बदले हर व्यक्ति से 15 लाख से 45 लाख रुपये तक की रिश्वत ली. इन अवैध पैसों से उसने दुबई (UAE) में करीब 15.73 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी. इससे पहले, CBI ने उसकी तलाश के लिए इंटरपोल से ब्लू नोटिस भी जारी करवाया था.

दूसरा मामला: अमित मदनलाल लखनपाल- क्रिप्टोकरेंसी घोटाला
26 मई 2025 को ED के अनुरोध पर CBI ने दूसरा सिल्वर नोटिस अमित मदनलाल लखनपाल के खिलाफ जारी करवाया. उसने MTC नाम की एक अवैध क्रिप्टोकरेंसी शुरू की और लोगों को झांसा देकर करीब 113 करोड़ रुपये इकट्ठा किए.
उसने खुद को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का प्रतिनिधि बताकर लोगों का विश्वास जीता और पैसे ले लिए, लेकिन बाद में न तो पैसा लौटाया और न ही वादा निभाया. इस मामले में पहले ही एक रेड नोटिस जारी किया जा चुका है.

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क्या है सिल्वर नोटिस का मकसद?
सिल्वर नोटिस के जरिए ऐसे अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाने और उन पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी. यह पहल दुनियाभर में अपराध से कमाई गई संपत्ति की बरामदी को तेजी से आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी. 

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