Kurukshetra Underpass: कुरुक्षेत्र में रेलवे लाइन के नीचे अंडरपास बनकर तैयार है. विभाग की इस पहल से पलवल, चंद्रभानपुर, अभिमन्युपुर, बीड़ अमीन, खासपुर समेत आसपास के 15 गांवों के हजारों लोगों को राहत मिली है.
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कुरुक्षेत्र: दिल्ली-अंबाला रेल मार्ग पर अब गांव के लोगों को घंटों तक फाटक खुलने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पलवल गांव के पास रेलवे द्वारा बनाए गए नए अंडरपास ने 15 गांवों की जिंदगी आसान बना दी है. अब लोगों को न तो लंबा इंतजार करना पड़ेगा और न ही फाटक बंद होने की वजह से रोज़ की परेशानी झेलनी पड़ेगी. बीते दो सालों से इस अंडरपास का निर्माण चल रहा था. अब यह पूरी तरह से तैयार हो चुका है और लोगों के लिए खोल दिया गया है. इससे पलवल, चंद्रभानपुर, अभिमन्युपुर, बीड़ अमीन, खासपुर समेत आसपास के 15 गांवों के हजारों लोगों को राहत मिली है. ग्रामीणों की यह लंबे समय से चली आ रही मांग अब पूरी हो चुकी है.
फाटक बंद होने से होती थी बड़ी दिक्कत
दिल्ली-अंबाला रेल मार्ग बहुत व्यस्त रहता है. दिन-रात ट्रेनों की आवाजाही के चलते रेलवे फाटक कई-कई घंटों तक बंद रहता था. इससे स्कूल जाने वाले बच्चों, कॉलेज और दफ्तर जाने वाले लोगों, मरीजों और बुजुर्गों को काफी परेशानी होती थी. फाटक बंद होने के कारण कभी-कभी जीवन और मृत्यु के बीच की दौड़ भी मुश्किल हो जाती थी. समय की बर्बादी तो आम बात थी, लेकिन कई बार दुर्घटनाओं का डर भी बना रहता था.
छात्रों और शिक्षकों को भी राहत
इस रास्ते पर कई शिक्षण संस्थान जैसे महिला कॉलेज, डाइट और फार्मेसी कॉलेज भी स्थित हैं. जब फाटक बंद होता था, तो छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को घंटों इंतजार करना पड़ता था. कई बार बच्चे परीक्षा में भी देर से पहुंचते थे. अब अंडरपास बनने से ये सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी.
गांवों की राह हुई आसान
यह अंडरपास सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि गांवों को शहर से जोड़ने वाली एक मजबूत कड़ी है. अब लोगों की जिंदगी में गति और सुरक्षा दोनों आएगी. रेलवे की इस पहल ने ना केवल गांवों को राहत दी है, बल्कि लोगों के मन में भी विश्वास जगाया है कि सरकारी योजनाएं अगर ईमानदारी से लागू हों, तो जिंदगी बेहतर हो सकती है.
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