Punjab and Haryana High Court: न्याय में देरी नहीं... आज सुबह 9 बजे से शुरू हुई जमानत कोर्ट, जल्द खत्म होंगे पेंडिंग केस
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Punjab and Haryana High Court: न्याय में देरी नहीं... आज सुबह 9 बजे से शुरू हुई जमानत कोर्ट, जल्द खत्म होंगे पेंडिंग केस

Order Issued by Punjab and Haryana High Court Chief Justice: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट आज 19 मई से जमानत कोर्ट शुरू हो गई है. दरअसल, इस समय हाईकोर्ट में कुल 4,28,394 मामले लंबित हैं जिनमें से 1,66,269 आपराधिक मामले हैं. हैरानी की बात यह है कि इनमें से 82 प्रतिशत मामले एक साल से भी ज्यादा समय से पेंडिंग हैं. कोर्ट की पहल से पेंडिंग केस में सुधार होगा.

Punjab and Haryana High Court: न्याय में देरी नहीं... आज सुबह 9 बजे से शुरू हुई जमानत कोर्ट, जल्द खत्म होंगे पेंडिंग केस
Punjab and Haryana High Court: न्याय में देरी नहीं... आज सुबह 9 बजे से शुरू हुई जमानत कोर्ट, जल्द खत्म होंगे पेंडिंग केस

Punjab and Haryana High Court: आज से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बड़ी और सराहनीय पहल की है. दरअसल, लगातार बढ़ते मामलों और घटती न्यायाधीश संख्या के बीच हाईकोर्ट ने फैसला किया है कि अब सभी जमानत याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच सुबह 9 बजे से काम शुरू करेंगी. जानकारी के लिए बता दें कि यह नियम आज 19 मई से लागू हो गया है जो 29 मई यानी गर्मी की छुट्टियों की शुरुआत तक जारी रहेगा. इस पहल का मुख्य उद्देश्य कोर्ट में पेंडिंग केस को जल्द से जल्द खत्म करना है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह फैसला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा लिया गया है. ताकि जमानत से जुड़े मामलों का तेजी से निपटारा किया जा सके. ये वो मामले हैं जो सीधे किसी व्यक्ति की आजादी से जुड़े होते हैं. ऐसे में न्याय में देरी, किसी की जिंदगी को बहुत प्रभावित कर सकती है. हाईकोर्ट फिलहाल एक गंभीर संकट से जूझ रहा है. 85 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले सिर्फ 50 न्यायाधीश कार्यरत हैं. हाल ही में जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर के सेवानिवृत्त होने से यह संख्या और कम हो गई. जस्टिस अरुण पाली के जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने और दो अन्य न्यायाधीशों के रिटायर होने से अप्रैल से अब तक तीन न्यायाधीश कम हो गए हैं.

सूत्रों के अनुसार स्थिति और भी चिंताजनक हो सकती है. क्योंकि इस साल के अंत में जस्टिस मंजरी नेहरू कौल के सेवानिवृत्त होने की संभावना है और 2026 तक नौ और न्यायाधीश, जिनमें मुख्य न्यायाधीश भी शामिल हैं जो रिटायर हो सकते हैं. इस समय हाईकोर्ट में कुल 4,28,394 मामले लंबित हैं जिनमें से 1,66,269 आपराधिक मामले हैं. हैरानी की बात यह है कि इनमें से 82 प्रतिशत मामले एक साल से भी ज्यादा समय से पेंडिंग हैं. न्यायिक आंकड़ों के अनुसार 28 प्रतिशत केस 10 साल से भी ज्यादा समय से लंबित हैं.

हालांकि उम्मीद की किरण यह है कि हाईकोर्ट नए न्यायाधीशों की नियुक्तियों पर विचार कर रहा है. लेकिन यह प्रक्रिया राज्य सरकार, राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम और कानून मंत्रालय जैसे कई स्तरों से होकर गुजरती है, जिससे इसमें समय लगता है. फिर भी सुबह 9 बजे से कोर्ट शुरू करने का यह कदम एक सकारात्मक पहल है जो दिखाता है कि सिस्टम चाहे संकट में हो. लेकिन न्याय की रफ्तार थामने नहीं दी जा रही. यह फैसला उन हजारों लोगों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है, जो सालों से इंसाफ की राह देख रहे हैं.

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