Rewari News: रेवाड़ी में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई किसानों की पकी-पकाई फसल, सरकार से राहत की उम्मीद
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Rewari News: रेवाड़ी में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई किसानों की पकी-पकाई फसल, सरकार से राहत की उम्मीद

Harayna News: रेवाड़ी में देर शाम हुई भारी बरसात व ओलावृष्टि ने किसानों फसल को बर्बाद कर दिया. ओलावृष्टि व बरसात ने एक बार फिर किसानों के अरमान धो डाले. रेवाड़ी के बावल, कुंड व खोल ब्लॉक के गांवों में ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान हुआ है.

Rewari News: रेवाड़ी में ओलावृष्टि से बर्बाद हुई किसानों की पकी-पकाई फसल, सरकार से राहत की उम्मीद

Rewari News: रेवाड़ी में देर शाम हुई भारी बरसात व ओलावृष्टि ने किसानों की पकी-पकाई फसल को खराब कर दिया. 5 मिनट की ओलावृष्टि व तेज हवा ने सरसों व गेहूं की फसल बिछा दी है. ऐसे में किसान पक्की-पकाई फसल को बचाने के लिए चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उनकी फसल खुले आसमान के नीचे खेतों में खड़ी हुई है. ओलावृष्टि व बरसात ने एक बार फिर किसानों के अरमान धो डाले. रेवाड़ी के बावल, कुंड व खोल ब्लॉक के गांवों में ओलावृष्टि से ज्यादा नुकसान हुआ है.  किसानों के अनुसार ढाणी शोभा, भालखी माजरा, टींट, खोरी, हरजीपुर, गोलियाका, सुलखा, बेरवाल, बधराना, भाड़ावास, नंदरामपुर बास, लाधूवास, जड़थल, भूथला, आसियाकी, पांचौर, रालियावास, नांगल जमालपुर, अहरोद में जमकर ओलावृष्टि हुई है.

फसल हो रही बर्बाद
ओलावृष्टि के कारण पक कर तैयार हो चुकी सरसों की फसल की टहनियां टूट गई है. किसानों के अनुसार अब तो फसल पर पूरा खर्चा लग चुका था. केवल उनकी मेहनत का फल मिलना बाकी है. इस बार पाले की मार से किसान की फसलें बचीं तो ओलावृष्टि ने चौपट कर दी.

बारिश ने किसानों को किया बरबाद
जानकारी के अनुसार, पिछले 4 से 5 दिनों से मौसम खराब चल रहा है. जिसे देखते हुए कुछ किसानों ने आनन-फानन में सरसों की फसल की कटाई भी शुरू कर दी है, लेकिन जिले में मात्र 5 से 10 प्रतिशत किसानों ने ही सरसों की कटाई की है. बाकी सरसों की फसल अभी खेतों में ही पक्की पकाई खड़ी है. वहीं गेहूं की फसल अभी कच्ची है. शुक्रवार की देर शाम 7:30 बजे जिला में बरसात होनी शुरू हो गई. वहीं खोल क्षेत्र में ओलावृष्टि भी हुई. बेशक 5 मिनट तक ओले गिरे हैं, लेकिन ये ओले फसलों को खराब व किसानों का बर्बाद करने के लिए बहुत हैं.

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सरकार से है किसानों तो आस 
वहीं किसानों का कहना है कि हर बार फसल पकने के दिनों में मौसम खराब हो जाता है और ओलावृष्टि उनकी फसलों को बर्बाद कर देती है. किसानों को पिछली क्षतिग्रस्त फसलों का ही मुआवजा नहीं मिला हुआ है कि फिर से उनकी फसल खराब हो गई. उन्होंने कर्ज लेकर खेतों में बिजाई की थी. सोचा था फसल बेचकर कर्ज उतार देंगे, लेकिन फिर उन पर कुदरत का कहर टूट पड़ा है. ऐसे में वे चाह कर भी अपनी फसलों को नहीं बचा सकते. किसान बोले फसल के भरोसे ही परिवार का भरण पोषण करते हैं, लेकिन ऐसे में शादी विवाह भी किसान के लिए अब मुश्किल हो गया, क्योंकि फसल के भरोसे ही किसान अपना जीवन यापन करते है. किसानों को अब केवल सरकार से ही आस है.

Input- Naveen Zee

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