Haryana News: बहादुरगढ़ शहर में बेसहारा गौवंश अब लोगों के लिए बड़ा संकट बन गया है. शहर की हर सड़क और हर गली में बेसहारा गौवंश घूमते रहते हैं. बता दें कि गौवंश के गुस्से के शिकार सबसे ज्यादा बुजुर्ग और बच्चे हो रहे हैं. अब तक करीबन 10 लोगों की गौवंश की टक्कर के बाद मौत तक हो चुकी है
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Jhajjar News: बहादुरगढ़ शहर में बेसहारा गौवंश अब लोगों के लिए बड़ा संकट बन गया है. शहर की हर सड़क और हर गली में बेसहारा गौवंश घूमते रहते हैं. जो कभी कभार गुस्से में आकर राहगीरों को कुचल भी दे रहे हैं. ऐसी ही एक घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें गली से गुजर रहे एक शख्स को बेसहारा गौवंश पूरे गुस्से में कुचल रहा है. आसपास के लोग बचाने आते हैं. पानी डालते हैं, लाठी से भगाने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन गुस्साए गौवंश उस व्यक्ति को कुचलता ही रहता है. गौवंश की टक्कर और गुस्से से ये व्यक्ति गंभीर रूप से घायल भी हुआ है.
बच्चे हो रहे गौवंश का शिकार
बेसहारा गौवंश के गुस्से के शिकार सबसे ज्यादा बुजुर्ग और बच्चे हो रहे हैं. अब तक करीबन 10 लोगों की गौवंश की टक्कर के बाद मौत तक हो चुकी है. घायलों की संख्या तो बहुत ज्यादा है. अब जाकर नगर परिषद ने बेसहारा गौवंश को पकड़कर गौशालाओं में छोड़ने के लिए टैंडर लगाया है. 2394 रुपये एक गौवंश को पकड़कर गौशाला में छोड़ने पर खर्च किया जाएगा. नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय रोहिल्ला का कहना है कि एक 2 दिन में बेसहारा गौवंश को पकड़कर गौशालाओं में छोड़ने का काम शुरू हो जाएगा. वंही लोगों का कहना है कि नंदीशाला बनाई है तो रोड पर गोवंश क्यों है.
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बहरहाल सबसे बड़ा सवाल ये है कि बेसहारा गौवंश को सड़क और गलियों से पकड़कर गौशालाओं में रखने के नाम पर बहादुरगढ़ में कई गौशालाएं/ नंदीशालाएं खुली हैं. सरकारी जगह पर शैड भी बनाए गए और बेसहारा गौवंश को रखा गया हौ, लेकिन उन्हीं सरकारी जगहों पर बनी गौशालाओं/ नंदीशालाओं के सामने बेसहारा गौवंश कूड़े के ढेर में दिन भर मुह मारता है. बावजूद उसके नंदीशालाओं के संचालक उन बेसहारा गौवंश को अपनी नंदीशालाओं में जगह नही दे रहे हैं. सरकार और प्रशासन उनके खिलाफ कार्यवाई क्यों नही करता या फिर क्यों उन्हे सरकारी जगहों पर मनमानी करने के लिए खुली छूट दे रखी है.
Input- Sumit Tharan