Afford able Homes: 'सबका घर आवास योजना 2025' के तहत नरेला, सिरसपुर और लोकनायकपुरम में अलग-अलग वर्ग जैसे EWS, LIG, MIG और HIG के लिए फ्लैट्स उपलब्ध हैं. खास बात यह है कि लोकनायकपुरम के मिडिल इनकम ग्रुप (MIG) फ्लैट्स पर 20% की छूट मिल रही है.
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DDA HOUSING SCHEME 2025: दिल्ली वालों के लिए एक और खुशखबरी है. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अपनी दो प्रमुख हाउसिंग स्कीमों को दोबारा लॉन्च कर दिया है. 'सबका घर आवास योजना 2025' और 'डीडीए श्रमिक आवास योजना' के तहत अब लोग 30 अप्रैल तक फ्लैट की बुकिंग कर सकते हैं. पहले ये अंतिम तारीख 31 मार्च थी, लेकिन अब इसे बढ़ा दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ ले सकें. इन दोनों योजनाओं के तहत तैयार फ्लैटों की बिक्री 'पहले आओ, पहले पाओ' की नीति पर की जा रही है. डीडीए के इस फैसले का उद्देश्य शहर के आम नागरिकों को किफायती दरों पर घर उपलब्ध कराना है और खासकर उन वर्गों को ध्यान में रखते हुए जिन्हें अब तक घर पाने में मुश्किल होती थी.
किस योजना में क्या मिलेगा?
'सबका घर आवास योजना 2025' के तहत नरेला, सिरसपुर और लोकनायकपुरम में EWS, LIG, MIG और HIG श्रेणी के फ्लैट्स उपलब्ध हैं. खास बात ये है कि लोकनायकपुरम के MIG फ्लैट्स पर 20 फीसदी की विशेष छूट दी जा रही है, जिससे मिडल क्लास लोगों को राहत मिल सके. वहीं, 'डीडीए श्रमिक आवास योजना' खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं. इस योजना के तहत EWS और LIG फ्लैट्स उन्हीं लोगों के लिए आरक्षित हैं जो परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड ऑटो-रिक्शा और कैब चालक हैं. पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत पंजीकृत स्ट्रीट वेंडर्स या हॉकर हैं इसके अलावा महिलाएं, वॉर विडो, एक्स सर्विसमैन, गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित व्यक्ति, दिव्यांग, अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोग भी आवेदन कर सकते हैं.
फ्लैट्स की संख्या
LIG फ्लैट्स – 5,360
MIG फ्लैट्स – 199
HIG फ्लैट्स – 41
पहले आओ, पहले पाओ पॉलिसी का असर
बीते कुछ वर्षों में डीडीए ने अपनी हाउसिंग पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है. पहले जहां लॉटरी के जरिए फ्लैट मिलते थे, वहीं अब तैयार फ्लैट सीधे बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. इसका फायदा यह हुआ कि डीडीए की वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है और आम नागरिकों को लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ रहा. 2019 से 2022 के बीच डीडीए ने कुल 6,435 फ्लैट्स बेचे थे, जबकि 2022 से 2025 के बीच ये आंकड़ा बढ़कर 20,247 हो गया है. यही नहीं, साल 2013-14 में जहां संपत्तियों की बिक्री से डीडीए को 312.98 करोड़ का घाटा हुआ था, वहीं अब 2024-25 में जनवरी तक उसे 1,299.42 करोड़ रुपये का मुनाफा हो चुका है. यह कदम न सिर्फ डीडीए की हाउसिंग नीति की सफलता को दर्शाता है, बल्कि दिल्ली में मकान खरीदने की चाह रखने वालों के लिए एक बेहतरीन मौका भी है.
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