Delhi Water Crisis: दिल्ली की भीषण गर्मी में पानी की किल्लत लोगों की सबसे बड़ी परेशानी बन गई है. न्यू अशोक नगर के ई-ब्लॉक में हालात इतने खराब हैं कि लोगों को हर दिन टैंकर के इंतजार में घंटों खड़ा रहना पड़ता है. पाइपलाइन से पानी नहीं आता, टैंकर ही एकमात्र सहारा है.
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New Ashok Nagar Water Shortage: गर्मी की दस्तक के साथ दिल्ली के कई इलाकों में जल संकट भी गहराने लगा है. पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर स्थित ई-ब्लॉक में पानी को लेकर हालात बेहद चिंताजनक हो चुके हैं. रविवार दोपहर करीब तीन बजे जैसे ही इलाके में दिल्ली जल बोर्ड का पानी का टैंकर पहुंचा, दर्जनों महिलाएं पानी के डिब्बे और बाल्टियां लेकर दौड़ पड़ीं. धक्का-मुक्की के बाद आखिरकार टैंकर चालक ने लाइन लगवाकर व्यवस्था बनाई, तब जाकर लोग पानी भर पाए.
स्थानीय निवासी 45 वर्षीय सुमित्रा देवी बताती हैं कि पाइपलाइन तो बिछी है, लेकिन उसमें पानी आता ही नहीं. रोज पानी खरीदकर पीने की हमारी औकात नहीं है, इसलिए टैंकर ही एकमात्र सहारा है. उनका कहना है कि टैंकर भी रोज नहीं आता, कभी एक दिन छोड़कर आता है और कभी दो-दो दिन तक इंतजार करना पड़ता है. यहां की महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या यह है कि जब भी पाइपलाइन में पानी आता है, तो वह सिर्फ ग्राउंड फ्लोर तक ही पहुंचता है. ऊपरी मंजिलों पर रहने वालों को पानी के लिए बाल्टी और डिब्बा लेकर नीचे आना पड़ता है. वह भी तब, जब पानी साफ हो, कई महिलाओं ने शिकायत की कि पाइपलाइन का पानी इतना गंदा होता है कि वह पीने तो दूर, नहाने लायक भी नहीं होता.
स्थानीय महिला पुष्पा (60 वर्ष) बताती हैं कि इस उम्र में टैंकर से पानी भरना बहुत मुश्किल हो गया है, लेकिन कोई और विकल्प नहीं है. वहीं राजबाला नाम की एक अन्य महिला कहती हैं कि मैं दो साल से यहां रह रही हूं, तब से लेकर आज तक एक दिन भी पाइपलाइन से पानी नहीं मिला. टैंकर के समय का भी कोई ठिकाना नहीं है. कभी दोपहर दो बजे आता है, कभी शाम पांच बजे. इस इंतजार में महिलाएं घर का बाकी काम छोड़कर बैठ जाती हैं. कई बार तो पुरुष बिना नहाए ही काम पर चले जाते हैं. दिल्ली जल बोर्ड के सहायक अभियंता का कहना है कि पाइपलाइन में गंदगी लीकेज की वजह से है. एक जगह की मरम्मत हो चुकी है, दूसरी जगह जल्द काम होगा. पानी के दबाव और सप्लाई की समस्याओं को दूर करने की कोशिश जारी है. लेकिन फिलहाल, न्यू अशोक नगर की महिलाओं के लिए पानी सिर्फ जरूरत नहीं, एक संघर्ष बन गया है.
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