Indore Brass Man: अजब एमपी में गजब कलाकार! वकील ने पीतल के पन्नों पर उकेरी 760 जिलों की पहचान
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Indore Brass Man: अजब एमपी में गजब कलाकार! वकील ने पीतल के पन्नों पर उकेरी 760 जिलों की पहचान

Indore Brass Man: मध्य प्रदेश के एक वकील में ऐसी देशभक्ति देखने को मिली है. जिन्होंने भारत के 760 जिलों से जुड़े दस्तावेजों को पीतल की किताब में संजोकर रखा है. इसमें हर जिले से जुड़ी जानकारी जैसे, कोर्ट, पुलिस, शिक्षा, उद्योग समेत अन्य दस्तावेज शामिल हैं.

इंदौर के वकील ने पीतल के पन्नों पर उकेरी 760 जिलों की पहचान
इंदौर के वकील ने पीतल के पन्नों पर उकेरी 760 जिलों की पहचान

Indore Brass Metal Artist: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक वकील की ऐसी देशभक्ति देखने को मिली है, जिन्होंने अपने अनोखे अंदाज से लोगों को अपनी तरफ मोड़ लिया है. इंदौर के रहने वाले एडवोकेट लोकेश मंगल ने भारत के 760 जिलों से जुड़े दस्तावेजों को किताबों के रूप में तैयार करने की पहल की है. इसकी सबसे खास बात यह है कि इन किताबों के मुख्य पृष्ठ पीतल पर उकेरे गए हैं, जो अपने आप में एक अनोखा और ऐतिहासिक काम है. हर जिले से जुड़ी जानकारी जैसे कोर्ट, पुलिस, शिक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य, एयरपोर्ट, वन क्षेत्र, बंदरगाह आदि से संबंधित दस्तावेज इस किताब का हिस्सा हैं. लोकश मंगल को लोग अब इंदौर में 'पीतल मैन' के नाम से भी जानने लगे हैं.

लोकेश मंगल का कहना है कि इन 760 किताबों के मुख्य पृष्ठों को तैयार करने में सिर्फ 6 घंटे लगे और यह काम लेजर तकनीक से पीतल पर PLT फाइल के जरिए किया गया. ये सभी किताबें मिलाकर कुल 15,200 पन्नों की होंगी, जिनमें हर पेज लगभग 2.6 ग्राम पीतल का होगा. उनका मानना है कि पीतल एक टिकाऊ और पवित्र धातु है, जिससे इन दस्तावेजों की लंबी उम्र बनी रहेगी. इस पूरे काम में कई लोगों का सहयोग भी मिल रहा है, जिससे यह प्रयास और भी खास बन गया है.

कितने दिन में तैयार?
उन्होंने आगे बताया कि इस किताब को बनाने का आइडिया गुरु पूर्णिमा से दो दिन पहले आया और मात्र दो दिनों में जिलों के मुख्य पृष्ठ तैयार कर लिए गए. इन किताबों में हर जिले के महत्व को दर्शाने वाले चिन्ह और जानकारियां दी जा रही हैं. एडवोकेट लोकेश का मानना है कि जब किसी काम में राष्ट्रप्रेम जुड़ जाए, तो वह केवल एक रचना नहीं बल्कि एक परंपरा बन जाती है. वे इस कार्य को एक सामाजिक जागरूकता के रूप में भी देख रहे हैं.

कई ऐतिहासिक काम
इससे पहले भी लोकेश मंगल कई ऐतिहासिक काम कर चुके हैं. उन्होंने भारतीय संविधान को भी पीतल पर उकेर कर एक ताम्रपत्र पुस्तक के रूप में तैयार किया था. इतना ही नहीं, उन्होंने 193 देशों के संविधान और राष्ट्रीय चिन्हों को भी एक विशाल पीतल की किताब में संरक्षित किया है. 57 किलो वजनी इस पुस्तक को लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने दिल्ली में देखा और सराहा भी था. ये किताब 48 इंच लंबी और 14 इंच चौड़ी थी, जिसमें 6177 चिन्ह पीतल पर लेजर से उकेरे गए थे.

कमाल का है ये हुनर
इंदौर जैसे शहर में जब कोई व्यक्ति अपने हुनर के जरिए राष्ट्रप्रेम को एक नई ऊंचाई देता है, तो वह सिर्फ शहर का नहीं बल्कि पूरे देश का गर्व बन जाता है. एडवोकेट लोकेश मंगल का यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी प्रेरणा बन सकता है. पीतल पर उकेरी ये पुस्तकें न सिर्फ ऐतिहासिक दस्तावेजों को सुरक्षित रखेंगी, बल्कि लोगों को अपनी जड़ों से जुड़ने और देश के प्रति गर्व महसूस कराने का काम भी करेंगी.

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