Indore Bridge News: मध्य प्रदेश में एक के बाद एक ब्रिज में कमियां सामने आ रही हैं. पहले भोपाल, अब इंदौर के पोलोग्राउंड रेलवे ब्रिज में खामी सामने आई है. बताया जा रहा है, इस ब्रिज पर Z आकार की आकृति पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसको लेकर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अफसरों पर नराजगी जताई.
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Indore Z bridge: मध्य प्रदेश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के पोलो ग्राउंड रेलवे ब्रिज की Z आकार की आकृति पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके बाद नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजय वर्गीय और तुलसी सिलावट ने शुक्रवार को IIT इंदौर के एक्सप्ट के साथ दौरा किया. जब वहां पहुंचे तो देखा कि इस ब्रिज पर 90 डिग्री के दो खतरनाक मोड़ बनाए जा रहे हैं, जिन्हें देखकर खुद एक्सपर्ट ने बड़ी खामी बताते हुए कहा कि जब तक इस ब्रिज की डिजाइन में सुधार नहीं होगा, तब तक ट्रैफिक संचालन करना बहुत मुश्किल होगा. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि इस तरीके के डिजाइन बड़े-वाहनों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं.
वहीं नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने पोलोग्राउंड ब्रिज की तकनीकी खामियों के चलते पीडब्लूडी के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि क्या इस ब्रिज के लिए कोई ट्रैफिक सर्वे किया गया था? इस दौरान उन्होंने यह भी कहा की 18 मीटर चौड़ी सड़क पर सीधे भुजा उतारने की योजना कैसे बनाई गई? इन सवालों पर किसी भी अधिकारियों ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया. वहीं मंत्री ने नाराजगी जताते हु एकहा कि बाणगंगा ब्रिज की योजना भी बिना पुख्ता प्लानिंग के बनाई गई है.
बाणगंगा ब्रिज में भी गलती
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, बाणगंगा रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहे ओवर ब्रिज की भी समीक्षा की गई. जहां पर एक भुजा गौरी नगर की तरफ जा रही है, जबकि वहां कोई ट्रैफिक नहीं होता है. वहीं असली ट्रैफिक का दबाव सांवेर रोड और MR4 के बीच रहता है, लेकिन वहां पर कोई एक्सेस नहीं दिया गया है. वहीं एक्सपर्ट का कहना है कि यहां भी 90 डिग्री का तीखा खतरनाक मोड़ बनाया गया है, जिससे बड़े वाहन आसानी से नहीं मुड़ सकेंगे. इस दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने भी फिर अधिकारियों से पूछा कि ऐसी डिजाइन कैसे पास हो गई?
मोड़ पर फंसेंगे भारी वाहन
IIT इंदौर के एक्सपर्ट अतुल सेठ ने कहा कि पोलोग्राउंड ब्रिज पर बनाए जा रहे 90 डिग्री मोड़ पर भारी वाहनों को घूमने के लिए कम से कम 18 मीटर का टर्निंग रेडियस होना जरूरी है. लेकिन यहां पर सिर्फ 12 मीटर का रेडियस दिया गया है. 12 मीटर का रेडियस तब संभव होगा, जब सामने की तरफ से कोई वाहन नहीं आ रहा हो. ऐसे में मोड़ पर ही जाम की स्थिति बन सकती है. वहीं उन्होंने सुझाव देते हुए कि सड़क की चौड़ाई लगभग 4.5 मीटर तक बढ़ाई जानी चाहिए. ताकि वाहन आसानी से घूम सकें.
अफसरों की सफाई आई
इस दौरान नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने अफसरों से कहा कि जिम्मेदार लोग एक साथ बैठकर इस समस्या का समाधान निकालें. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ब्रिज की भुजाएं MR4 पर उतारने से ही वास्तविक ट्रैफिक की समस्या का हल निकलेगा. वहीं पीडब्लूडी की एग्जीक्यूटिव इंजीनियर गुरनीत कौर भाटिया ने सफाई दी है कि ब्रिज की डिजाइन उस अनुसार बनाई गई है, जैसी जमीन उपलब्ध थी. इसके अलावा, निर्माण में मानकों का पालन भी किया जा रहा है. हालांकि मंत्री के सामने अफसरों के जवाब अधूरे और कमजोर साबित हुए.
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