Mandla Bottle Artist: कहते हैं शौक बड़ी चीज़ होती है, जो इंसान को कभी भी कलाकार बना सकती है. मंडला का एक एलआईसी कर्मचारी अपनी अनोखी बोतल कला के लिए मशहूर हैं. वह बोतलों और बल्बों के अंदर बांस और लकड़ी से अद्भुत कलाकृतियां बनाते हैं, जिन्हें देखकर हर कोई हैरान रह जाता है. सबसे खास बात यह है कि वह अपनी कला को बेचते नहीं, बल्कि अपने खर्चे पर इस शौक को पूरा करते हैं.
मध्य प्रदेश के मंडला के एक युवक त्रिलोक सिंधिया अपनी बोतल कला के लिए काफ़ी मशहूर हैं. कलाकार बनने के जुनून ने त्रिलोक को बोतल आर्टिस्ट बना दिया. वह बहुत ही बेहतरीन डिज़ाइन बनाते हैं.
त्रिलोक को बचपन से ही कुछ न कुछ बनाने का शौक था. त्रिलोक का बचपन से ही पारंपरिक और बांस की कला की ओर रुझान रहा है. पेशे से एलआईसी कर्मचारी त्रिलोक कुछ नया करना चाहते थे और फिर उन्होंने बोतलों पर कलाकृति बनाने की कोशिश की और आज वह सफल हैं.
उन्होंने बोतलों, बल्बों और बोतल जैसी किसी भी चीज़ के अंदर पीतल और लकड़ी से तरह-तरह की कलाकृतियां बनाना शुरू कर दिया. उनका शौक है कि वे मौके के हिसाब से बोतलों में कलाकृतियां बनाते हैं. जैसे, अभी सावन का महीना चल रहा है, इसलिए त्रिलोक ने बोतल के अंदर लकड़ी का शिव मंदिर बना दिया है.
त्रिलोक 26 जनवरी, 15 अगस्त और ऐसे ही अन्य अवसरों पर देशभक्ति और समय के अनुरूप कलाकृतियां बनाते हैं. त्रिलोक ज़ी न्यूज़ का लोगो भी बना रहे हैं.
इस कलाकार की खास बात यह है कि वह अपनी कलाकृतियों को न तो बाज़ार में बेचते हैं और न ही किसी से पैसे मांगते हैं. त्रिलोक अपने खर्चे पर इस काम में लगे हैं.
त्रिलोक के परिवार में पहले कभी ऐसा कोई कलाकार नहीं था और उनका परिवार भी उनके शौक से खुश है. उनकी पत्नी कहती हैं कि किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं है. वो कला करके अपना और हमारा भी शौक पूरा करते हैं.
रिपोर्ट-विमलेश मिश्रा
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