MP Organic Farming: मध्य प्रदेश, ज्यादातर कृषि पर आधारित माना जाता है. बरसात शुरू होते ही किसान फसलों की बुवाई के लिए खेतों में तैयारियां शुरू कर देते हैं. आजकल किसान फिर से जैविक खेती की ओर लौट रहे हैं. इससे मिट्टी की ताकत बढ़ती है और नुकसानदायक रसायनों से छुटकारा मिलता है. इन प्राकृतिक साधनों को तैयार करने में खर्च भी कम आता है और ये काफी असरदार भी होते हैं.
मानसून सीजन शुरू होते ही किसान अपनी फसल की बुवाई के लिए तैयारियां शुरू कर देते हैं. सभी की यही कोशिश रहती है कि फसल का उत्पादन अच्छा हो ताकि अच्छी कमाई हो सके. पहले कीटनाशकों के लिए रासायनिक दवाओं का सहारा लिया जाता था, लेकिन अब किसान खुद ही कम खर्च में जैविक दवाएं और कीट नियंत्रण के उपाय बना रहे हैं.
आपको बता दें कि जीवामृत फसल की गुणवत्ता और पौष्टिकता को बढ़ाता है. इसे बनाना बहुत आसान है. इसके लिए गोमूत्र, गोबर, गुड़, बेसन, मिट्टी और पानी को मिलाकर एक मिश्रण तैयार किया जाता है. इस घोल को दिव्या फॉरेस्ट के साथ मिलाकर फसलों पर छिड़का जा सकता है.
बीजामृत का मतलब, बीजों के लिए पोषण देने वाला अमृत है. इसे गोबर, गोमूत्र, पानी, चूना और जीवाणु वाली मिट्टी से तैयार किया जाता है. जब घोल बन जाए तो इसे बीजों पर छिड़कते हैं जिससे फसल की उपज क्षमता बढ़ जाती है.
अग्निस्त्र का इस्तेमाल फसलों पर लगने वाली इल्ली और तनों पर चढ़ने वाले कीड़ों को दूर रखने के लिए होता है. इसे भी घर पर आसानी से बनाया जा सकता है. इसमें गोमूत्र, नीम की पत्तियां, हल्दी, हरी मिर्च, लहसुन और तंबाकू मिलाकर घोल तैयार किया जाता है.
ब्रह्मास्त्र का प्रयोग पौधों को कीड़ों से बचाने के लिए किया जाता है. इसे बनाने में गोमूत्र के साथ बेलपत्र, नीम, अरंडी, सीताफल, पीपल, शिकंजी और धतूरे के पत्ते मिलाकर मिश्रण तैयार किया जाता है.
नीमास्त्र में प्राकृतिक औषधीय गुण होते हैं. इसे बनाने के लिए नीम की पत्तियां, गोबर और गोमूत्र को मिलाकर एक ड्रम में 7 दिन तक रखा जाता है. इसके बाद इसका उपयोग फसलों पर किया जाता है. यह रस चूसने वाले कीटों और हानिकारक एलियन कीटों को दूर रखता है.
छिंदवाड़ा जिले के रिटायर्ड कृषि वैज्ञानिक विजय कुमार पराड़कर का कहना है कि हर किसान चाहता है कि उसकी फसल अच्छी हो और उत्पादन ज्यादा मिले. इसलिए अब किसान रासायनिक कीटनाशकों की जगह जैविक खेती को अपनाने लगे हैं. इससे न सिर्फ अच्छी फसल मिलती है, बल्कि लोगों को भी सुरक्षित और सेहतमंद अनाज मिलता है.
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