मंदसौर में फैली रहस्यमयी बीमारी! शरीर हो जाता है कमजोर, छह मरीज मिलने से हड़कंप
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मंदसौर में फैली रहस्यमयी बीमारी! शरीर हो जाता है कमजोर, छह मरीज मिलने से हड़कंप

MP News: मंदसौर में जीबीएस सिंड्रोम के छह मरीज मिले हैं, जबकि एक संदिग्ध मौत की पुष्टि नहीं हुई है. इसके बाद गांव में दहशत का माहौल है.  प्रशासन ने गांव के 8,000 से ज़्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की है.

मंदसौर में फैली रहस्यमयी बीमारी! शरीर हो जाता है कमजोर, छह मरीज मिलने से हड़कंप

Mandsaur News: मध्य प्रदेश के मंदसौर में एक रहस्यमयी बीमारी फैलने से दहशत का माहौल है. यहां के मुल्तानपुरा गांव में जीबीएस (गुइलेन-बार्रे सिंड्रोम) के छह मामले सामने आए हैं. जबकि एक पीड़ित की मौत हो चुकी है. हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई है. यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही नसों पर हमला करता है, जिससे कमजोरी और लकवा होता है. इस खबर के बाद स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. दिल्ली से एक टीम भी जांच के लिए पहुंच गई है. गांव के 8,300 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है.

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गुइलेन-बार्रे सिंड्रोम बीमारी से हड़कंप
दरअसल, मंदसौर में जीबीएस (गुईलेन बार्र सिंड्रोम) के छह मरीज मिले हैं, जबकि एक पीड़ित की मौत हो गई है. हालांकि, प्रशासन इस मौत को जीबीएस से होने की पुष्टि नहीं कर रहा है, क्योंकि जीबीएस के साथ-साथ अन्य बीमारियां भी थीं. सभी जीबीएस पीड़ित मुल्तानपुरा गांव में मिले हैं. सूचना मिलने पर दिल्ली से एक टीम भी मंदसौर पहुंच गई है. जीबीएस की पुष्टि होते ही स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है और गांव में सघन जांच की जा रही है. अब तक आठ हजार से ज्यादा लोगों की जांच हो चुकी है. दिल्ली से एक टीम भी गांव का दौरा कर रही है.

जीबीएस क्या है?
जीबीएस (एक्यूट इन्फ्लेमेटरी डिमाइलेटिंग पॉलीन्यूरोपैथी; एक्यूट इडियोपैथिक पॉलीन्यूराइटिस) वायरस हज़ारों में से एक मरीज़ में पाया जाता है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाती है. जिसके कारण मरीज़ को कमज़ोरी और लकवा हो जाता है. अगर शुरुआती दौर में ही पहचान कर ली जाए तो यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है और कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है.

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स्वास्थ्य अधिकारी ने कही ये बात
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मुल्तानपुरा गांव में कुछ केस मिले थे जिनमें हाथ पैरों में कमजोरी और लकवा जैसे लक्षण पाए गए थे. यह केस सीधे निजी अस्पतालों से रेफर किए गए थे और इंदौर अहमदाबाद से पता चला कि इन मरीजों में जीबीएस के लक्षण हैं और कुछ मरीजों में इसकी पुष्टि भी हुई थी. हमें सात मरीज मिले जिनमें से एक की मौत हो गई जिसमें स्पेक्टेड पॉयजन भी पाया गया था उसमें जीबीएस की पुष्टि नहीं हुई थी. हमारे जिला अस्पताल और मेडिकल स्टाफ की टीम ने गांव के सात सौ घरों में रहने वाले आठ हजार तीन सौ लोगों की स्क्रीनिंग की और उनमें से 56 को सर्दी खांसी बुखार पाया गया उनमें जीबीएस का कोई मरीज नहीं मिला.  भोपाल और दिल्ली को सूचित कर दिया है कि दिल्ली की टीम मुल्तानपुरा का भी दौरा करेगी.

रिपोर्ट- मनीष पुरोहित

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