Agra Panwari Case Verdict: आगरा के बहुचर्चित पनवारी कांड में आगरा एससी-एसटी कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. कुल 36 आरोपियों को दोषी मानते हुए कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है.
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Agra Panwari Case Verdict: पनवारी कांड (अकोला) मामले में आगरा एससी-एसटी कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. सभी दोषियों को 5 साल की सजा हुई है. 35 साल से मामले में एससी-एसटी कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. कुल 36 आरोपियों को दोषी मानते हुए कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है. जबकि 16 अभियुक्तों को मामले में बरी किया जा चुका है.
हाईकोर्ट जाएंगे परिजन
सभी अभियुक्त अकोला के रहने वाले हैं. कोर्ट के फैसले के बाद परिजन हाईकोर्ट में अपील करेंगे. फैसले को लेकर आगरा एससी-एसटी कोर्ट के बाहर लोगों का जमावड़ा लगा. कोर्ट के बाहर पुलिस फोर्स तैनात रही. बता दें 21 जून 1990 को पनवारी कांड हुआ था. इसको लेकर आगरा थाना कागारौल में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
क्या है पूरा मामला
मामला 35 साल पहले 21 जून 1990 का है. आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र में पनवारी गांव में चोखेलाल जाटव की बेटी मुंद्रा की शादी थी. बारात आगरा के ग्वालियर रोड नगला पद्मा से आनी थी. लेकिन जाट समाज के लोगों के विरोध के चलते बारात चढ़त नहीं हो सकी थी. दूसरे दिन पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद बारात चढ़त हुई. उस समय भी जाट समाज की ओर से पांच से छह हजार लोग बारात चढ़त रोकने के लिए एकत्रित हो गए थे.
दंगा रोकने सेना बुलानी पड़ी
पुलिस प्रशासन ने भीड़ को रोकने के लिए मोर्चा संभाला. भीड़ को काबू पाने फायरिंग तक करनी पड़ी थी. दंगा भड़क जाने से सेना को भी बुलाना पड़ा था. इस दंगे में दर्जनों लोगों की मौत हो गई थी. आगरा के पनवारी इलाके में करीब 10 दिनों तक कर्फ्यू लगा था. आसपास के जिलों में भी बवाल जैसी स्थिति बन गई थी. गांव के बहुत से लोगों को पलायन भी करना पड़ा था.
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