Ayodhya Latest News: अयोध्या में भव्य राम मंदिर में एक बड़ी तकनीकी खामी सामने आई है. यह कमी मंदिर के भूतल से लेकर प्रथम तल तक स्थित राम दरबार के गर्भगृह में पाई गई है. जो पुजारियों के लिए परेशानी का कारण बन गई है.
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Ayodhya Hindi News: अयोध्या में करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अपनी भव्यता और आस्था के लिए पूरी दुनिया में चर्चा में है, लेकिन इसी भव्य मंदिर की नींव में एक तकनीकी चूक सामने आई है. जो अब पुजारियों और मंदिर प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है.
गर्भगृह में नहीं है जल निकासी की व्यवस्था
करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत से बने इस मंदिर में रामलला के गर्भगृह से लेकर प्रथम तल पर स्थित राजा राम दरबार तक जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. रोज होने वाले अभिषेक और पूजन में जो जल, दूध, दही, शहद या पंचामृत गिरता है, वह फर्श पर फैल जाता है और इस पवित्र जल का निस्तारण करना आसान नहीं है.
रामलला के गर्भगृह से राजा राम दरबार तक
गर्भगृह में विराजमान रामलला हों या प्रथम तल पर राजा राम की प्रतिमा पंचामृत से अभिषेक के बाद मूर्तियों को बार-बार धोना पड़ता है, जिससे बड़ी मात्रा में जल फैलता है. पुजारी इसे फेंक नहीं सकते, क्योंकि वह जल पवित्र माना जाता है. इसलिए मजबूरी में बड़ी थालियों का सहारा लिया जाता है, और बचे हुए जल को कपड़ों से पोंछकर पौधों में अर्पित किया जाता है. इस कारण अब दैनिक पंचामृत अभिषेक की परंपरा केवल विशेष तिथियों और पर्वों तक सीमित हो गई है.
एसी लगाना भी बना सरदर्द
इसके अलावा गर्भगृह में एसी लगाने में भी कठिनाई हो रही है. मंदिर के निर्माण में पत्थरों को कोडिंग तकनीक के जरिये आपस में जोड़ा गया है, जिससे किसी भी प्रकार की तोड़फोड़ संभव नहीं. अगर जल निकासी या एसी की व्यवस्था करनी हो, तो मंदिर की संरचना से छेड़छाड़ करनी होगी, जिससे उसकी सुंदरता और पवित्रता प्रभावित हो सकती है.
समाधान की तलाश में विशेषज्ञ
मंदिर प्रशासन फिलहाल इस तकनीकी खामी को दूर करने के लिए विशेषज्ञों से सुझाव ले रहा है, लेकिन जब तक कोई ठोस उपाय नहीं निकलता, तब तक पुजारी पारंपरिक तरीकों से ही जल प्रबंधन करने को मजबूर हैं.