WFI Suspension Revoked: कैसरगंज के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा कायम है. भारतीय कुश्ती संघ को लेकर 26 महीने से चले आ रहे संकट से छुटकारा मिल गया है.
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WFI Suspension Revoked: भारतीय कुश्ती संघ (WFI) का निलंबन खेल मंत्रालय ने हटा दिया है. इसके बाद ही WFI का पूरा नियंत्रण भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह को दे दिया गया है. करीब 26 महीने बाद एक बार फिर पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को महासंघ का अध्यक्ष घोषित कर दिया है. पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि 26 महीने बाद फिर जीत मिली है.
WFI का निलंबन हटा
दरअसल, 2023 में खेल मंत्रालय की ओर से भारतीय कुश्ती संघ यानी WFI को निलंबित कर दिया गया था. इसके पीछे WFI के अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप का जल्दबाजी में ऐलान करना बताया गया था. बता दें कि संजय सिंह के नेतृत्व वाली समिति ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन के लिए पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के गढ़ माने जाने वाले गोंडा के नंदिनी नगर को चुना था. इस पर भारतीय कुश्ती संघ ने नाराजगी जाहिर की थी. 26 महीने बाद एक बार फिर से खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ से निलंबन हटा दिया है.
'26 महीने बाद खत्म हुआ संकट'
WFI के निलंबन हटाने के बाद पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि आज जो खेल मंत्रालय का निर्णय आया है, इसका हम स्वागत करते हैं. ये जो संकट 26 महीने से चला आ रहा था. इसमें तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए थे. उसके बाद भी उत्तर प्रदेश के रहने वाले संजय सिंह कुश्ती संघ के अध्यक्ष बन गए हैं. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि संजय सिंह ने 49 वोट में 43 वोट पाकर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बन गए हैं.
'साजिश रचने वाले सफल नहीं हुए'
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि एक तरीके से आज जो जीत मिली है यह कमजोर, जूनियर खिलाड़ियों की जीत है. मैंने पहले दिन से कहा था यह खिलाड़ी उम्र के कारण अटकले लगा रहे हैं. अब इनका खेल से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन इन लोगों ने 26 महीने भारतीय कुश्ती संघ के खराब कर दिए हैं. अब तक दो वर्ल्ड रैंकिंग की टीम जो बाहर जानी थी नहीं जा पाई. 26 महीने से लड़कियों और लड़कों के कैंप बंद हैं लेकिन जो हुआ अच्छा हुआ. साजिश रचने वाले अपने मंसूबे पर सफल नहीं हुए.
बृजभूषण शरण सिंह को क्यों छोड़ना पड़ा था पद
फेडरेशन के नियमों के मुताबिक, हर 4 साल में एक बार चुनाव कराए जाते हैं. कोई भी एक आदमी 3 कार्यकाल तक या फिर 12 साल से ज्यादा अध्यक्ष पद पर नहीं रह सकता. महासचिव या कोषाध्यक्ष दो कार्यकाल या 8 साल से ज्यादा तक अपने पद पर नहीं रह सकते हैं. पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह 12 साल से लगातार भारतीय कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष रह चुके थे. इसके चलते अब खुद चुनाव नहीं लड़ सकते थे. ऐसे में उन्होंने कुश्ती संघ पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए अपने करीबी संजय सिंह को चुनाव में उतारा था.
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