ISI spy Shahzad: कौन है पाकिस्तानी जासूस शहजाद? यूपी में कई जगह आतंकी हमले की रची थी साजिश, सामने आई चौंकाने वाली खबर
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ISI spy Shahzad: कौन है पाकिस्तानी जासूस शहजाद? यूपी में कई जगह आतंकी हमले की रची थी साजिश, सामने आई चौंकाने वाली खबर

ISI spy Shahzad: भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों काफी तनाव है. इस बीच पाकिस्तानी जासूस ज्योति मल्होत्रा की खूब चर्चा हो रही है. ज्योति के बाद आतंकी शहजाद मामले में कई खुलासे हुए हैं. पढ़िए पूरी डिटेल...

ISI spy Shahzad
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ISI spy Shahzad: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है. इस बीच आतंकी शहजाद मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. मुरादाबाद से गिरफ्तार आईएसआई जासूस शहजाद किसी बड़े आतंकी हमले की साजिश का ताना-बाना बुन रहा था. जांच में सामने आया है कि दिल्ली स्थित पाकिस्तानी हाई कमीशन में तैनात दानिश आईएसआई एजेंट्स के इशारे पर शहजाद और उसके साथियों को वीजा दिलाने में मदद करता था. अब एटीएस उन युवकों के बारे में जानकारी जुटा रही है.

आतंकी शहजाद मामले में खुलासा
रामपुर से गिरफ्तार पाकिस्तानी एजेंट शहजाद मामले की जांच में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन में तैनात दानिश ने शहजाद को पाकिस्तान का वीजा दिलवाया था. शहजाद कई बार रिश्तेदारों से मिलने के लिए पाकिस्तान जा चुका है. पाकिस्तान में शहजाद ISI के कांटेक्ट में आया और उसके बाद भारत की गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान को भेजने लगा. इसके लिए उसको मोटी रकम भी मिलती थी. एटीएस अब उसके बैंक डिटेल खंगाल रही है और उसके मोबाइल की भी जांच कर रही है.

दोस्तों से हो सकती है पूछताछ
मोबाइल में कई ऐसे कोड वर्ड है, जिसे डिकोड करने की कोशिश में है. एटीएस को यह भी जानकारी मिली है कि शहजाद के कई और दोस्त भी पाकिस्तान का दौरा कर चुके हैं. जल्द ही एटीएस उन दोस्तों से भी पूछताछ कर सकती है. आपको बता दें, दानिश ने ही हरियाणा के ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम किया था, जिसे जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. दरअसल, तस्करी के दौरान शहजाद का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट्स से संपर्क हुआ था, जिसके बाद उनके बीच व्हाट्सएप पर बातचीत होने लगी थी.

मोबाइल की फॉरेंसिक जांच
एजेंट्स ने उससे कई गोपनीय सूचनाएं जुटाकर भेजने को कहा ताकि कोई आतंकी घटना अंजाम दी जा सके. धीरे-धीरे उसने रामपुर के कुछ युवाओं को कॉस्मेटिक, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, महिलाओं के कपड़े की तस्करी के काम में अपने साथ जोड़ा और उनका वीजा आईएसआई एजेंट्स की मदद से हासिल कर लिया. एटीएस को शक है कि पाकिस्तानी एजेंट्स से मिलने वाली रकम को भारत में जासूसी करने वाले लोगों को मुहैया कराने के साथ अलगाववादी और विंध्वसकारी गतिविधियों में इस्तेमाल करने के लिए जुटा रहा था.

उसके मोबाइल की फॉरेंसिक जांच में एजेंट्स से मिलने वाली रकम का ब्योरा हासिल करने की कवायद की जा रही है. उसे रिमांड पर लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले बाकी एजेंट्स के बारे में पूछताछ करने की तैयारी है.

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