यूपी का ये पहाड़ है मोहब्बत की अमिट निशानी, लैला मजनूं, हीर-राझां जैसी प्रेम कहानी
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यूपी का ये पहाड़ है मोहब्बत की अमिट निशानी, लैला मजनूं, हीर-राझां जैसी प्रेम कहानी

Veer Lorik Story: यहां कई जोड़े लोरिक और मंजरी की तरह अपने प्रेम की प्रार्थना करने आते हैं. यह प्रेम कहानी 10वीं सदी की बताई जाती है. आदिवासी क्षेत्र में लोकप्रिय यह कहानी सच्चे प्रेम का संदेश देती है. 

veer lorik pathar
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Veer Lorik Ki Kahani: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की मारकुंडी घाटी में गोवर्धन पूजा के दौरान एक अनोखी प्रथा बहुत चर्चित है. यहां के पुजारी बाबा पूजा के समय अग्निकुंड में अपना सिर डालते हैं और फिर गर्म उबलते दूध से स्नान करते हैं. वाराणसी से शक्तिनगर मार्ग पर स्थित मारकुंडी घाटी में जब भी किसी की नजर बड़ी और खड़ी चट्टानों पर पड़ती है, तो लोगों को वीर लोरिक और मंजरी की प्रेम कहानी याद आ जाती है. यह स्थान "वीर लोरिक पत्थर" के नाम से प्रसिद्ध है.

गोवर्धन पूजा के समय यहां कई जोड़े लोरिक और मंजरी की तरह अपने प्रेम की प्रार्थना करने आते हैं. यह प्रेम कहानी 10वीं सदी की बताई जाती है. आदिवासी क्षेत्र में लोकप्रिय यह कहानी सच्चे प्रेम का संदेश देती है और लोगों को अपनी संस्कृति और विरासत से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है. इस पत्थर से लोगों की कई धार्मिक आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं. पूर्वांचल, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड समेत कई स्थानों से सैकड़ों लोग इस स्थान पर घूमने और दर्शन करने आते हैं.

धार्मिक आस्था के कारण गोवर्धन पूजा के अवसर पर यहां विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि यहां आने से प्रेमी युगलों की इच्छाएं पूरी होती हैं. कहानी के अनुसार, सोनभद्र के अगोरी स्टेट की मंजरी को बलिया जिले के गौरा गांव के वीर लोरिक से प्रेम हो गया था. लोरिक जानता था कि बिना युद्ध किए मंजरी को पाना संभव नहीं है. वह एक महान योद्धा था, और कहा जाता है कि उसकी तलवार 85 किलो की थी.

राजा मोलागत के सभी प्रयासों के बावजूद, वीर लोरिक अपनी बारात और सेना के साथ सोन नदी पार कर अगोरी किले तक पहुंच गया. वहां एक भीषण युद्ध हुआ, जिसमें वीर लोरिक अकेले ही हजारों पर भारी पड़ा. उसने राजा मोलागत को हराकर मंजरी से प्रेम विवाह किया. मंजरी की विदाई के बाद, उसकी डोली वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर स्थित मारकुंडी घाटी पहुंची. वहां मंजरी ने लोरिक के बल का एक और प्रमाण देखने की चुनौती दी और कहा कि कुछ ऐसा करो, जिससे यहां के लोग हमारे प्यार को हमेशा याद रखें.

मंजरी ने लोरिक से एक विशाल चट्टान को तलवार से एक ही वार में दो भागों में बांटने को कहा. लोरिक ने यह कर दिखाया और अपनी प्रेम परीक्षा में सफल हुआ. आज भी वह खंडित चट्टान अमर प्रेम की निशानी के रूप में देखी जाती है.

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