Himachal Weather Update: हिमाचल प्रदेश में बारिश का यह दौर अभी थमने वाला नहीं है. राज्यवासियों को कम से कम 23 जुलाई तक खराब मौसम के लिए तैयार रहना होगा. प्रशासन द्वारा राहत व बचाव के प्रयास जारी हैं.
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Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार देर रात से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है, और सोमवार को भी कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी रहा. तेज बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है — सड़कों पर मलबा जमा हो गया है, जल आपूर्ति बाधित है और बिजली आपूर्ति भी ठप पड़ी है.
भारी बारिश से कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला और सिरमौर ज़िले सबसे ज्यादा प्रभावित
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वरिष्ठ वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने जानकारी दी कि बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा, चंबा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है. सबसे अधिक वर्षा कांगड़ा जिले में दर्ज की गई, जहां कई क्षेत्रों में जलभराव और भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आई हैं.
23 जुलाई तक खराब रहेगा मौसम, 24 जुलाई से मिल सकती है राहत
मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि 23 जुलाई तक पूरे राज्य में मौसम खराब बना रहेगा, और इस दौरान कई स्थानों पर तेज बारिश जारी रह सकती है. हालांकि, 24 जुलाई से 27 जुलाई के बीच अधिकांश क्षेत्रों में मौसम में सुधार होने की संभावना है, लेकिन कुछ ऊंचाई वाले क्षेत्रों और संवेदनशील इलाकों में छिटपुट बारिश की संभावना बनी रहेगी.
लोगों को सतर्क रहने की सलाह, एडवाइजरी का करें पालन
मौसम विज्ञान केंद्र ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी की जा रही एडवाइजरी का गंभीरता से पालन करें. भारी बारिश के दौरान भूस्खलन, नदी-नालों में जलस्तर बढ़ने, और पेड़ों के गिरने जैसी घटनाएं हो सकती हैं, जिससे जानमाल का खतरा बना रहता है.
वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने कहा,
"सोमवार को भी राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है. लोगों को पूरी एहतियात बरतने की जरूरत है. विशेष रूप से पर्वतीय और संवेदनशील इलाकों में यात्रा से बचें."
यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए चेतावनी
प्रशासन ने पहाड़ी क्षेत्रों, विशेषकर भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है. स्कूलों में भी छुट्टियों पर विचार किया जा सकता है यदि बारिश का प्रभाव बना रहता है. आपदा प्रबंधन दलों को अलर्ट पर रखा गया है और राहत-बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है.