धर्मशाला स्थित हेरिटेज प्रॉपर्टी कश्मीर हाउस से हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) ने मंगलवार से औपचारिक रूप से संचालन शुरू कर दिया है. मुख्यालय के स्थानांतरण के साथ ही निगम के प्रशासनिक ढांचे में अहम बदलाव देखने को मिल रहे हैं.
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Dharamshala News(विपन कुमार): प्रदेश की दूसरी राजधानी में शुमार धर्मशाला स्थित हेरीटेज प्रॉपर्टी कश्मीर हाउस में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) ने मंगलवार से कार्य करना शुरू कर दिया है. एचपीडीसी मुख्यालय में 70 लोगों में से स्टाफ में से 30 को धर्मशाला में ज्वाइनिंग के निर्देश जारी किए गए थे, जिनमें से 25 ने ज्वाइन कर लिया है. डीडीओ को सरकारी संस्थानों से एमओयू के निर्देश जारी किए गए हैं. एचपीटीडीसी की कई इकाईयां ढाई से चार दशक पुरानी हैं, जिन्हें मरम्मत की जरूरत है.
धर्मशाला में एचपीटीडीसी मुख्यालय के संचालन के पहले दिन एमडी डा. राजीव कुमार ने विशेष बातचीत में बताया कि एचपीटीडीसी मुख्यालय धर्मशाला आ चुका है, जबकि एक जोनल ऑफिस शिमला में भी रखा जाएगा. इस बारे में बीओडी की बैठक में निर्णय लिया गया है. शिमला में नीति निर्धारण सहित अन्य कार्यों हेतू विभिन्न विभागों के साथ कोआर्डिनेशन बिठाना पड़ता है, जिसके लिए शिमला में जोनल ऑफिस होना जरूरी है.
ई-ऑफिस पर चलता है एचपीटीडीसी
एमडी डा. राजीव कुमार ने बताया कि एचपीटीडीसी पहला कारपोरेशन है, जो पूरी तरह से ई-ऑफिस पर चलता है. कारपोरेशन के पुराने डाटा की स्कैनिंग चल रही है. जिसका काम एचपी इलेक्ट्रोनिक कारपोरेशन द्वारा एक एजेंसी के माध्यम से करवाया जा रहा है. धर्मशाला में एचपीटीडीसी ने मंगलवार से सुचारु रूप से कार्य शुरू कर दिया है. बैठने सहित अन्य व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं तथा 10-15 दिन के भीतर एचपीटीडीसी का पूरा सेटअप धर्मशाला में हो जाएगा.
एडीबी के आ रहे कई नए प्रोजेक्ट
डा. राजीव ने बताया कि सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और एचपीटीडीसी के चेयरमैन केबिनेट रैंक आरएस बाली की सोच पर्यटन को बढ़ावा देने की है. एडीबी के भी कई प्रोजेक्ट आ रहे हैं, उसी के तहत पैसा खर्च किया जा रहा है. मनाली के दो होटलों को पूरी तरह नए तरीके से बनाया जा रहा है, नगर कैसल की रेनोवोशन हो रही है, उस पर भी 80 करोड़ के करीब पैसा खर्च होगा.
पर्यटन पर पड़ेगा असर, मॉनिटरिंग होगी आसान
एचपीटीडीसी के एमडी ने कहा कि पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किए जा रहे जिला कांगड़ा में एचपीटीडीसी के एमडी का ऑफिस होगा तो निश्चित तौर पर इसका असर पर्यटन पर पड़ेगा, क्योंकि धर्मशाला से मॉनिटरिंग आसान होगी. धर्मशाला, पालमपुर, हमीरपुर और चंबा में स्थित होटलों में जो कमियां नजर आएंगी, उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाएगा. जिला कांगड़ा में पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देकर उसका दोहन किया जाएगा.
सरकारी कार्यक्रम ले रहा एचपीटीडीसी
पिछले तीन साल में एचपीटीडीसी का टर्न ओवर 76 करोड़ से 100 करोड़ से ऊपर जा रहा है. छोटी इकाईयों में जहां मरम्मत की जरूरत थी, उनमें सुधार लाया गया है. डीडीओ को निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी संस्थानों से एमओयू करें. कई सरकारी कार्यक्रम हो रहे हैं, उन्हें भी एचपीटीडीसी अपने पास ले रहा है.
एमएमटी अधिकारियों से हो चुकी हैं बैठकें
उन्होंने बताया कि मेक माई ट्रिप (एमएमटी) के साथ भी एचपीटीडीसी एग्रीमेंट करने वाला है, इसके लिए एमएमटी के उच्च अधिकारियों से साथ बैठकें हो चुकी हैं. इस दिशा में एचपीटीडीसी के चेयरमैन की सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं.
25 से 40 वर्ष पहले बने होटलों को मरम्मत की जरूरत
डा. राजीव ने कहा कि एचपीटीडीसी की अधिकतर इकाईयां प्राइम लोकेशन पर हैं, जिनमें से कई होटल 25 से 40 वर्ष पहले के बने हुए हैं तथा कई होटलों को मरम्मत की भी जरूरत है. पिछली बीओडी की बैठक में सरकार से फंडस अरेंज करने पर बात हुई थी और यदि फंडस नहीं आते हैं तो लोन लेकर होटलों की मरम्मत की जाएगी। कुछ होटलों की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है.