वर्ष 1931 से स्थापित श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय स्नातक परिषद नैनादेवी में ख़ाली पड़े प्राध्यापकों के पदों को जल्द भरने की माँग को लेकर जनप्रतिनिधियों, संस्कृत संस्कृति संगठन के सदस्यों ने उपायुक्त बिलासपुर को ज्ञापन सौंपा.
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Bilaspur News(विजय भारद्वाज): हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के नैनादेवी में वर्ष 1931 से स्थापित श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय स्नातक परिषद में ख़ाली पड़े प्राध्यापकों के पदों को जल्द भरने की माँग को लेकर महाविद्यालय स्नातक परिषद के सदस्यों व हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के पदाधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों ने उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार को ज्ञापन सौंपकर आगामी 15 दिनों के भीतर खाली चल रहे पदों को भरने की प्रिक्रिया शुरू करने की प्रशासन से माँग की है.
गौरतलब है कि श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय स्नातक परिषद नैनादेवी में लंबे समय से प्राध्यापकों के 9 में से 7 पद खाली चल रहे हैं जिसका नतीजा यह है कि छात्रों की पढ़ाई पर इसका खासा असर देखने को मिल रहा है. बता दें कि श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय नैनादेवी में केवल अंग्रेजी व वेद विषय के प्राध्यापक ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं जबकि साहित्य, दर्शन, ज्योतिष, इतिहास या राजनीति शास्त्र के एक-एक पद व व्याकरण के दो पद मिलाकर कुल 7 पद खाली चल रहे हैं.
वहीं वर्ष 2000 में वेदाचार्य का पद भरने के बाद से अबतक किसी भी पद पर प्राध्यापक की नियुक्ति नहीं हुई है. वहीं प्राध्यापकों की कमी के चलते एक समय में करीब 500 छात्रों की संख्या वाले इस संस्कृत महाविद्यालय में धीरे-धीरे छात्रों की संख्या घटकर अब 100 के करीब जा पहुंची है. इस बात की जानकारी देते हुए श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय स्नातक परिषद नैनादेवी के संयोजक आचार्य मदन लाल शांडिल्य ने कहा कि प्राध्यापकों की कमी के चलते श्री शक्ति संस्कृत महाविद्यालय नैनादेवी आज बंद होने की स्थिति में आ पहुंचा है और आज महाविद्यालय केवल एक वेदाचार्य व एक अंग्रेजी में प्राध्यापक के भरोसे चल रहा है जिससे कहीं ना कहीं छात्रों की शिक्षा पर सीधा असर दिखाई दे रहा है.
साथ ही उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में खाली पड़े प्राध्यापकों के पदों को भरने की मांग को लेकर उन्होंने उपायुक्त बिलासपुर को ज्ञापन सौंपा है जिसमें मांग की गई है कि आगामी 15 दिनों में इन पदों को भरने की प्रिक्रिया शुरू की जाए ताकि छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने में आ रही परेशनी दूर हो सके.
वहीं हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के संरक्षक का कहना है कि जब तक संस्कृत महाविद्यालय में प्राध्यापकों के पदों को स्थायी भर्ती प्रिक्रिया पूरी नहीं होती तब तक अतिथि संकाय की व्यवस्था से आचार्यों को रखा जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी 15 दिनों में प्राध्यापकों की नियुक्ति को लेकर प्रिक्रिया शुरू नहीं कि जाती तो उसके पश्चात स्नातक परिषद छात्रों के अभिवावकों के साथ मिलकर संघर्ष का रास्ता चुनेगा.