भारतीय जनता पार्टी द्वारा कुल्लू जिले के कटराईं में आयोजित प्रबुद्धजन संगोष्ठी में मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत ने 1975 में लगाए गए आपातकाल को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का एक "काला अध्याय" करार दिया.
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Kullu News(मनीष ठाकुर): भारतीय जनता पार्टी द्वारा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के कटराईं में एक भव्य प्रबुद्धजन संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की. कार्यक्रम के दौरान कंगना ने वर्ष 1975 में लगाए गए आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला अध्याय बताते हुए कांग्रेस पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आपातकाल लागू कर न केवल देश के संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोंटा, बल्कि आम जनता की आवाज को भी बेरहमी से कुचल दिया.
कंगना ने कहा कि आज की नई पीढ़ी को यह जानना बेहद जरूरी है कि उस दौर में देशवासियों ने कैसे भय और दमन के माहौल में दिन गुजारे. उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने आपातकाल की भयावहता और उस दौर में सत्याग्रह करने वाले लोगों के संघर्ष को सामने लाने के लिए एक फिल्म का निर्माण भी किया है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को उस ऐतिहासिक सत्य से रूबरू कराया जा सके.
इस संगोष्ठी में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. कार्यक्रम में आपातकाल के दौरान सत्याग्रह में भाग लेने वाले कुल 17 लोगों और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया. यह सम्मान लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनके साहस और योगदान के प्रति सम्मान का प्रतीक था.
संगोष्ठी में जिला कुल्लू के भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया. कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण संरक्षण के संदेश के तहत वृक्षारोपण भी किया गया.
सांसद कंगना रनौत ने कहा कि आपातकाल केवल एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों पर हमला था. उन्होंने यह भी कहा कि आज जरूरत है कि हम अपनी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूती दें और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए जागरूक रहें.