राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, राज्य भर में जारी भारी बारिश के कारण 28 जुलाई की शाम तक 200 सड़कें अवरुद्ध हैं, 62 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं और 110 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं.
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Himachal Monsoon: हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप लगातार जारी है, जिससे राज्यभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. भारी बारिश के चलते सार्वजनिक अवसंरचना को व्यापक नुकसान पहुंचा है और जनहानि का आंकड़ा चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और राज्य आपात संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, 28 जुलाई की शाम तक हिमाचल में 200 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं, 62 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं और 110 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं.
20 जून से 28 जुलाई 2025 तक का मानसून सत्र बेहद जानलेवा रहा:
कुल मौतें: 164
बारिश से संबंधित मौतें (भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़, डूबना, करंट लगना): 90
सड़क हादसों में मौतें: 74
जिला वार मौतों का आंकड़ा:
मंडी: 32 मौतें
कांगड़ा: 24 मौतें
चंबा: 17 मौतें
मानसून की तबाही में अब तक राज्य को 1,52,311 लाख रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हो चुका है. घर, मवेशी, फसलें और बुनियादी ढांचे भारी क्षति की चपेट में आए हैं.
SDMA की रिपोर्ट के अनुसार:
-20 जून से अब तक राज्य में 42 फ्लैश फ्लड, 25 बादल फटने की घटनाएं और 32 भूस्खलन हो चुके हैं.
-मंडी जिले में बारिश से सबसे अधिक 18 मौतें हुईं, उसके बाद कांगड़ा में 17, कुल्लू में 10, और चंबा में 8 मौतें दर्ज की गई हैं.
अब तक:
-251 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं
-1,165 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं
-कृषि और बागवानी फसलें भी बर्बाद हो गई हैं
-प्रशासन की ओर से क्या कदम उठाए जा रहे हैं:
-सड़कों को बहाल करने का कार्य तेजी से जारी
-आपदा प्रतिक्रिया टीमें तैनात
-संवेदनशील इलाकों में अलर्ट और चेतावनियां जारी
-लेकिन लगातार हो रही भारी बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है.
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करें.