हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मंडी ज़िलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. कई नदियां उफान पर हैं, जिससे व्यापक चिंता पैदा हो गई है, जबकि भूस्खलन और जलभराव ने संपर्क और दैनिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है.
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Himachal Monsoon: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मंडी जिलों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है. नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे बाढ़ की आशंका बढ़ गई है. वहीं, भूस्खलन और जलभराव के कारण सड़कों पर यातायात ठप हो गया है.
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई स्थानों पर भारी मलबा और पत्थर गिरने से सड़क बंद हो गई है. दोनों ओर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई है और यात्री फंसे हुए हैं. प्रशासन ने गैर-ज़रूरी यात्रा से बचने की अपील की है.
मंडी जिले के बल्ह उपमंडल में निचले इलाकों में भारी जलभराव की स्थिति बनी हुई है. बारिश का पानी घरों और दुकानों में घुस गया है, जिससे लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, वर्तमान में 309 सड़कें, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग 305 (NH-305) भी शामिल है, भूस्खलन और मलबे के चलते बंद पड़ी हैं. इसके अलावा, 236 पेयजल योजनाएं और 113 विद्युत ट्रांसफॉर्मर ठप हैं, जिससे आम जनजीवन और आवश्यक सेवाएं बुरी तरह बाधित हुई हैं.
मंडी सबसे अधिक प्रभावित:
-मंडी जिले में अब तक 23 लोगों की बारिश से संबंधित घटनाओं में मौत और 14 सड़क हादसों में जानें गईं हैं.
-जिले में 167 सड़कें बंद, 74 पेयजल योजनाएं प्रभावित, और 91 ट्रांसफॉर्मर बंद हैं.
-कांगड़ा जिले में 24 मौसम जनित मौतें और 6 सड़क दुर्घटनाएं, जबकि
-कुल्लू में 10 बारिश से संबंधित व 8 सड़क हादसों में मौतें दर्ज की गई हैं.
-चंबा और शिमला जिलों में भी कई लोगों की जान गई है और व्यापक नुकसान हुआ है.
-लाहौल-स्पीति में राष्ट्रीय राजमार्ग 505 भी भूस्खलन और फ्लैश फ्लड के चलते बंद है, जिससे यह क्षेत्र पूरी तरह संपर्क से कट गया है.
भारी नुकसान का अनुमान:
SDMA की रिपोर्ट के अनुसार, सड़कें, बिजली लाइनें, जलापूर्ति, स्वास्थ्य सुविधाएं और स्कूल सहित सार्वजनिक संपत्तियों को कुल ₹1,71,495 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है. साथ ही, 88,800 हेक्टेयर से अधिक कृषि व बागवानी फसलें प्रभावित हुई हैं.