केंद्र की आरडीएस स्कीम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी चल रही है. वर्तमान में विद्युत बोर्ड के नाॅर्थ जोन के तहत कुल 9,22,035 बिजली मीटर उपभोक्ता हैं.
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Kangra News(भूषण शर्मा): केंद्र सरकार की रिवेंप्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत जिला कांगड़ा के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में चार लाख से अधिक स्मार्ट बिजली मीटर लगने जा रहे हैं जिसके लिए सर्वे किया जा रहा है. यह सर्वे लगभग अपने अन्तिम चरण मे पहुंच चुका है विद्युत बोर्ड नॉर्थ जोन के मुख्य अभियंता अजय गौतम व विद्युत बोर्ड उपमण्डल फतेहपुर के सहायक अभियन्ता अभिजीत सिंह ने कहा कि अब कंपनी को काम आबंटन होने के बाद अब पुराने बिजली मीटरों को उखाड़ कर उनकी जगह स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे.
जिस के लिए क्षेत्र मे कम्पनी द्वारा सर्वे अभियान चलाया गया है. उन्होंने कहा कि अब केंद्र की आरडीएस स्कीम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी चल रही है. वर्तमान में विद्युत बोर्ड के नाॅर्थ जोन के तहत कुल 9,22,035 बिजली मीटर उपभोक्ता हैं. इनमें कांगड़ा जिला में करीब 4,03,365 बिजली मीटर उपभोक्ता हैं. इसके अलावा चंबा में 2,99851 और ऊना में 218819 उपभोक्ता हैं.
उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 4,03365 में से 3,34958 घरेलू और 54,821 कमर्शियल मीटर लगे हैं जबकि इसमें सरकारी कार्यालय, लघु, मध्यम, बड़े उद्योग, कृषि, सिंचाई स्कीमों के तहत 1,35,856 बिजली मीटर हैं। इन सभी मीटरों को बोर्ड की ओर से बदला जाएगा.
विद्युत बोर्ड नॉर्थ जोन के मुख्य अभियंता अजय गौतम ने कहा कि सबसे पहले उन उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे जिनका बिजली का बिल 300यूनिट या इससे कम आता है. उन्होंने कहा कि अब केंद्र की आरडीएस स्कीम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी चल रही है.
विद्युत बोर्ड उपमण्डल फतेहपुर के सहायक अभियन्ता अभिजीत सिंह ने वताया की क्षेत्र मे स्मार्ट बिजली मिटर लगाने के लिए सर्वे का काम चला हुआ है. स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ता को मीटर की पूरी जानकारी घर बैठे मोबाइल पर मिलेगी. इसमें उपभोक्ता यह चेक कर सकता है कि उसने कितनी यूनिट बिजली की खपत की है.
इसके अलावा बोर्ड की ओर से अलग अलग क्षेत्रो में एक एक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा, जहां विभाग को उसके अधीन आने वाले प्रत्येक बिजली मीटर की जानकारी 24 घंटे मिलती रहेगी। इस योजना के तहत बोर्ड के हाईटेक हो जाने से बिजली का बिल न भरने वाले उपभोक्ताओं से भी बार-बार अपील करने की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.