Assam: नहीं पसंद आया मुसलमानों का मदद करना, JSR के नारे लगाने वाली भीड़ ने किया हमला
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Assam: नहीं पसंद आया मुसलमानों का मदद करना, JSR के नारे लगाने वाली भीड़ ने किया हमला

Assam News: असम में कामाख्या मंदिर में मेला चल रहा है. इस मेले में इंडीजिनस मुसलमानों ने अकीदमंदों के लिए स्टॉल लगाई हैं, जिसमें पानी और दूसरा जरूरी सामान मुहैया कराया जा रहा है. भाईचारे की ये मिसाल कुछ लोगों को पसंद नहीं आई और कैंप्स पर हमला कर दिया.

Assam: नहीं पसंद आया मुसलमानों का मदद करना, JSR के नारे लगाने वाली भीड़ ने किया हमला

Assam News: असम के फेमस मां कामाख्या मंदिर में चल रहे अंबुबाची मेले के दौरान उस वक्त तनाव के हालात पैदा हो गए, जब बीती रात करीब 1:30 बजे कुछ संदिग्ध युवकों ने इंडीजीनस मुस्लिम समुदाय के जरिए लगाए गए सर्विस कैंप पर हमला कर दिया.  इस कैंप में हर साल की तरह इस बार भी समुदाय के मेंबर्स ने श्रद्धालुओं के जरिए पानी और शरबत बांटा जा रहा था. लेकिन, कुछ शरारती तत्वों को यह भाईचारा पसंद नहीं आया.

चश्मदीदों के मुताबिक, हमलावर युवक जय श्री राम के नारे लगाते हुए कैंप में घुस गए. वहां मौजूद पानी की बोतलों, दूसरे सामान और फर्नीचर को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया. इस घटना को असम में आपसी भाईचारे के माहौल को एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है.  घटना के बाद, असम गोरिया परिषद ने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है और डिप्टी कमिश्नर और असम पुलिस कमिश्नर को आधिकारिक पत्र सौंपा है.

परिषद के अनुसार, प्रशासन ने आने वाले 24 घंटों के अंदर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है. असम गोरिया परिषद के चीफ एग्जीक्यूटिव अशरफ अली ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह हमारे समुदाय के लिए बहुत ही दुखद और अपमानजनक घटना है. हम हर साल यहां भाईचारे का संदेश देने के लिए पहुंचते हैं, श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं. लेकिन इस बार हमारे कैंप को जानबूझकर निशाना बनाया गया. हमने जिला प्रशासन, पुलिस और मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है और उम्मीद करते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा."

घटना के बाद लोगों की आ रही है प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों से इंडीजीनस मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. समुदाय के नेताओं ने मांग की है कि प्रशासन दोषियों की पहचान कर उन्हें न्याय के कटघरे में लाए, ताकि आने वाले सालों में कोई ऐसा करने की जुर्रत न करें.

बता दें, हर साल की तरह इस साल भी  इंडीजीनस मुस्लिम आर्गेनाइजेशन की तरफ से मां कामाख्या के मंदिर पर चल रहे 22 जून से मेले में अकीदमंदों की मदद के लिए स्टॉल लगाए गए थे. जिन पर उन्हें पानी और दूसरी चीजें मुहैया कराई जा रही थीं. लेकिन, इस साल कुछ लोगों को ये बिलकुल पसंद नहीं आया.

रिपोर्ट
शरीफ उद्दीन अहमद

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