यूरोप-अमेरिका छोड़ इस मुस्लिम देश में क्यों बस रहे हैं दुनिया भर के दौलतमंद; लाइन में लगे हैं हजारों लोग
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यूरोप-अमेरिका छोड़ इस मुस्लिम देश में क्यों बस रहे हैं दुनिया भर के दौलतमंद; लाइन में लगे हैं हजारों लोग

Millionaires Haven UAE: हालिया कुछ सालों में खाड़ी देशों में संयुक्त अरब अमीरात ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं. यहां की सरकार ने दुनिया भर इन्वेस्टर्स और करोड़पतियों को आकर्षित करने के लिए टैक्स और वीजा नियमों को आसान बना दिया है. इसकी वजह से दुनिया का हजारों दिग्गज यूएई का रुख कर रहे हैं. 

 

UAE बना अरबपतियों का पसंदीदा ठिकाना
UAE बना अरबपतियों का पसंदीदा ठिकाना

UAE News Today: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दुनिया के सबसे अमीर लोगों के लिए एक पसंदीदा ठिकाना बनता जा रहा है. यहां के आसान नियम, टैक्स में छूट और गोल्डन वीजा जैसे लंबे समय तक रहने के विकल्प इसे और आकर्षक बना रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले 2025 में कम से कम 9,800 करोड़पती के UAE को अपना ठिकाना बनाने जा रहे हैं. 

कई हाई-प्रोफाइल अरबपति दुनिया भर से UAE का रुख कर रहे हैं, जिनमें नॉर्वे में जन्मे शिपिंग टाइकून जॉन फ्रेडरिकसन भी शामिल हैं. फ्रेडरिकसन लंबे समय से ब्रिटेन में रह रहे हैं, लेकिन अब उन्होंने अपने कारोबार का एक बड़ा हिस्सा लंदन से UAE शिफ्ट कर दिया है. कभी ब्रिटेन के नौवें सबसे अमीर शख्स रहे फ्रेडरिकसन ने ब्रिटिश सरकार के "नॉन-डोम" टैक्स नियमों को खत्म करने के फैसले को UAE शिफ्ट होने की बड़ी वजहों में से एक बताई है. 

दुनिया के सबसे बड़े तेल टैंकर बेड़े में से एक बनाने के लिए जाने जाने वाले फ्रेडरिकसन का यह कदम ब्रिटेन से खाड़ी देशों की ओर संपत्ति के ट्रांसफर के निशानी के तौर पर देखा जा रहा है. UAE शिफ्ट होने वालों में ब्रिटिश अरबपति हेज फंड के दिग्गज माइकल एडवर्ड प्लैट भी शामिल हैं. माइकल एडवर्ड, ब्लूक्रिस्ट कैपिटल मैनेजमेंट के को-फाउंडर हैं. उनकी फर्म कभी यूरोप की तीसरी सबसे बड़ी हेज फंड थी, ये अपने बिजनेस के उफान के दिनों में 35 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन कर चुकी है. जून 2025 में प्लैट ने अपना रिहाइश निवास और फैमिली ऑफिस दुबई में ट्रांसफर कर दिया. 

टेलीकॉम दिग्गज सुनील भारती मित्तल के बेटे और भारती ग्लोबल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर श्राविन भारती मित्तल भी अबू धाबी शिफ्ट हो गए हैं. मशहूर टेक्नॉलोज इन्वेस्टमेंट फर्म अनबाउंड के संस्थापक के रूप में मित्तल भारत के भारती परिवार की युवा पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं. अप्रैल 2025 में उन्होंने यूके में टैक्स नियमों के सख्त होने के बीच अबू धाबी में अनबाउंड की एक नई ब्रांच रजिस्टर की. भारती परिवार बीटी ग्रुप पीएलसी में सबसे बड़ा निजी शेयरहोल्डर्स में टॉप पर हैं.

इसी तरह टेलीग्राम के संस्थापक पावेल ड्यूरोव 2017 से दुबई में अपना ठिकाना बना चुके हैं. 2014 में सियासी दबाव की वजह से रूस छोड़ने के बाद ड्यूरोव और उनके भाई ने UAE में एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का ग्लोबल हेडक्वार्टर स्थापित किया. अब UAE के नागरिक ड्यूरोव को 2024 में दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 120वां स्थान मुकाम हासिल किया. उन्हें पहले फोर्ब्स के जरिये UAE में सबसे अमीर प्रवासी के रूप में नामजद किया गया. 2023 में अरेबियन बिजनेस ने उन्हें दुबई का सबसे पावरफुल कारोबारी (Entrepreneur) बताया था.

मिस्र के सबसे अमीर दिग्गजों में से एक नासेफ साविरिस भी UAE का रुख कर चुके हैं. साल 2023 के आखिर में उन्होंने फैमिली ऑफिस NNS Group को अबू धाबी ग्लोबल मार्केट में शिफ्ट कर दिया. नासेफ के पास दुनिया की बड़ी फर्टिलाइजर कंपनियों में से OCI NV में 30 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा उनके पास Adidas और LafargeHolcim जैसी इंटरनेशनल कंपनियों के शेयर भी हैं.

दुनिया के बड़े बिजनेस टॉइकून और अमीरों का UAE में शिफ्ट होना यह दिखाता है कि अब यह कैलिफोर्निया, लंदन, यूरोप के देशों से परे श्विक धन प्रबंधन (Wealth Management) नय हब बनता जा रहा है. गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीतिक स्थिरता, मजबूत वित्तीय ढांचा और इन्वेस्ट फ्रेंडली माहौल की वजह से दुनिया के बड़े और प्रभावशाली उद्यमी और फाइनेंस एक्सपर्ट अब UAE का रुख कर रहे हैं.उम्मीद है कि 2025 में लगभग 9,800 करोड़पति UAE में बसने जा रहे हैं. दुबई और अबू धाबी तेजी से दुनिया की नई वैश्विक शक्ति की राजधानी बनने जा रहे हैं.

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