J&K: बर्फीले माहौल में सेमी-न्यूड फैशन शो, भड़के लोग; CM उमर अब्दुल्ला ने दिए जांच के आदेश
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2675282

J&K: बर्फीले माहौल में सेमी-न्यूड फैशन शो, भड़के लोग; CM उमर अब्दुल्ला ने दिए जांच के आदेश

Gulmarg Fashion Show:  गुलमर्ग में आयोजित एक फैशन शो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस शो में मॉडल्स को बर्फीले माहौल में सेमी-न्यूड कपड़ों में वॉक करते दिखाया गया, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होने का इल्जाम लग रहा है.

J&K: बर्फीले माहौल में सेमी-न्यूड  फैशन शो, भड़के लोग; CM उमर अब्दुल्ला ने दिए जांच के आदेश

Gulmarg Fashion Show: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में आयोजित एक फैशन शो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस शो में मॉडल्स को बर्फीले माहौल में सेमी-न्यूड कपड़ों में वॉक करते दिखाया गया, जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होने का इल्जाम लग रहा है. खासतौर पर रमजान के पाक महीने में इस तरह के आयोजन को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है.

सीएम उमर अबदुल्ला ने दिए जांच के आदेश
सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद विवाद और बढ़ गया. विवाद बढ़ने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों से 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट तलब की है. उन्होंने कहा कि स्थानीय संवेदनशीलता की अनदेखी की गई है और इस पाक महीने में ऐसा आयोजन करना गलत है. 

हुर्रियत नेता ने क्या कहा?
हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी इस फैशन शो पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "रमजान के दौरान गुलमर्ग में इस तरह का आयोजन निंदनीय है. कश्मीर अपनी सूफी-संत संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के लिए जाना जाता है, ऐसे में इस तरह की अश्लीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसमें शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."

समाजिक कार्यकर्ता ने आयोजन पर उठाए सवाल
सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता राजा मुजफ्फर भट ने भी इस आयोजन पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पर्यटन विभाग और गुलमर्ग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से स्पष्टीकरण देने की मांग की है. गौरतलब है कि यह फैशन शो 7 मार्च को गुलमर्ग में आयोजित हुआ था और इसे एक प्रतिष्ठित डिजाइनर लेबल के तहत आयोजित स्की फेस्टिवल का हिस्सा बताया जा रहा है.

20 साल से चल रहा है यह परंपरा
वाजेह हो कि रमजान के महीने शुरू होने के साथ ही कश्मीर के शहरों और कस्बों में ‘सहरख्वां’ भी आने लगे हैं जो ढोल बजाकर लोगों को भोर से पहले किए जाने वाले भोजन (सेहरी) के लिए जगाते हैं. यह परंपरा 20 सालों से जारी है. 

Trending news

;