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Sawan 4th Somwari: सावन की आखिरी सोमवारी पर भगवामय हुआ कांवड़ पथ, बोलबम से गूंजे शिवालय

Sawan 4th Somwari: हर आयु वर्ग के भक्त—युवा, वृद्ध, महिलाएं, भोलेनाथ की भक्ति में लीन होकर, गंगाजल लाने के लिए पूरी लगन से निकले हैं. हर तरफ भक्तों की टोलियां, भगवा वस्त्रों में रंगे हुए, उत्साह से परिपूर्ण नजर आए.

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सुल्तानगंज से देवघर बाबाधाम तक 105 किलोमीटर दुरी कर लाखों शिवभक्त बोलबम का जयकारा लगाते जा रहे हैं. बता दें कि बांका जिले मैं 55 किलोमीटर कांवरिया पथ है. जहां समाजिक कार्यकर्ताओं से लेकर नेता, मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी कांवरियों की सेवा कर रहे हैं.

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कांवरियों की सुरक्षा के लिए बांका पुलिस-प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं. जगह-जगह पर कांवड़ियों के आराम करने के लिए पांडाल लगाए गए हैं. जहां सभी तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं. इसके अलावा रास्ते में जगह-जगह पर शिवभक्तों के लिए पीने के पानी का इंतजाम किया गया है.

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जहानाबाद में सावन की चौथी और अंतिम सोमवारी के मौके पर मखदुमपुर प्रखंड के ऐतिहासिक वाणावर पहाड़ी स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा है.

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श्रद्धालु गायघाट, बावन सिढ़या एवं पतालगंगा स्थित सरोवर से स्नान कर तकरीबन डेढ़ से दो किलो मीटर ऊंची इस पहाड़ी पर रात से ही श्रद्धालु भक्त जल लेकर मंदिर पहुंचने लगे और श्रद्धालुओं के हर हर महादेव के जयघोष से पूरा इलाका भक्तिमय हो गया.

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श्रद्धालुओं ने पहाड़ी पर चढ़कर आर्घा के माध्यम से शिवलिंग पर जल और अन्य पूजन सामग्रियों से जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना कर रहे. मान्यता है कि सावन के महीने में बाबा सिद्धेश्वर नाथ के दर्शन और जलाभिषेक से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों के साथ-साथ मजिस्ट्रेट और मेडिकल टीम को भी तैनात किया गया है. मंदिर परिसर में काफी कम जगह होने की वजह से जलाभिषेक के बाद श्रद्धालुओं को वहां रुकने की इजाजत नहीं है.

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बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर सोमवारी जल चढ़ाने को लेकर रविवार को कांवरिया पथ में अधिकांश शिवभक्त नन-स्टॉप बनकर पांव पैदल यात्रा करते रहे. सुहाने मौसम के बीच उत्साहित कांवरियों द्वारा ‘बोलबम’ व ‘हर-हर महादेव’ के लगाए जा रहे जयकारों से संपूर्ण कांवरिया पथ गुंजायमान होता रहा.

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सावन की आखिरी सोमवारी को कुशेश्वरस्थान महादेव स्थान में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. दर्शन कुशेश्वरस्थान को मिथिलांचल का देवघर भी कहा जाता है और इसकी ख्याति ना सिर्फ मिथिलांचल बल्कि पूरे बिहार में है.

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सावन माह की अंतिम सोमवारी पर बिहार के प्रसिद्ध बाब सिंहेश्वर नाथ मंदिर की सजावट और व्यवस्था बेहतर की गई है. अंतिम सोमवारी पर मंदिर में शिवभक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. आज 5 लाख तक लोग जलाभिषेक कर सकते हैं.

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