Constitution Club Secretary Election Result: कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सचिव पद के हाई प्रोफाइल चुनाव में भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने अपनी ही पार्टी के संजीव बालियान को हराकर जीत हासिल की. इस चुनाव में रिकॉर्ड 707 मत पड़े और पहली बार डाक मत का व्यापक इस्तेमाल हुआ. भाजपा बनाम भाजपा की इस जंग में रूडी को विपक्षी नेताओं का भी समर्थन मिला, जबकि बालियान के पक्ष में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे सक्रिय रहे.
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सचिव पद के लिए हुए हाई प्रोफाइल मुकाबले में भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने एक बार फिर बाजी मार ली. उन्होंने अपनी ही पार्टी के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को मात देकर इस पद पर लगभग 25 साल से जारी अपना कब्जा बरकरार रखा. यह मुकाबला भाजपा बनाम भाजपा में बदल गया था, जिसमें विपक्षी दलों के कई नेताओं ने भी रूडी का खुलकर समर्थन किया.
चुनाव में कई नए रिकॉर्ड बने. पहली बार बड़ी संख्या में डाक मत का इस्तेमाल हुआ और कुल 707 मत पड़े, जिनमें 38 डाक मत थे. मौके पर 669 सदस्यों ने मतदान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्य, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने वोट डाले. चुनाव में केवल वर्तमान और पूर्व सांसद ही मतदान कर सकते हैं, जिनकी संख्या लगभग 1300 है.
राजीव प्रताप रूडी के समर्थन में भाजपा के कुछ सांसदों के साथ-साथ कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए. वहीं, बालियान के पक्ष में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे सक्रिय रहे, जिन्हें गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है. दुबे ने चुनाव से पहले क्लब में कथित दलालों के कब्जे का आरोप लगाकर माहौल गरमा दिया था.
यह पहला मौका नहीं है जब रूडी ने भाजपा के ही नेता को हराया हो. 2009 में हुए चुनाव में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी मात दी थी. 1999 में पदेन सचिव बनाए जाने के बाद से रूडी लगातार इस पद पर बने हुए हैं और 2009 से नियमित चुनावों में जीतते आ रहे हैं.
क्लब के बाकी पदों पर कोई मुकाबला नहीं हुआ. खेल सचिव के रूप में राजीव शुक्ला, संस्कृति सचिव के रूप में तिरुचि शिवा और कोषाध्यक्ष के रूप में जितेंद्र रेड्डी निर्विरोध चुने गए. लेकिन सचिव पद का यह चुनाव हाई प्रोफाइल और रोमांच से भरा रहा, जिसने न केवल भाजपा के अंदर की खेमेबाजी बल्कि विपक्ष की सक्रिय भागीदारी को भी उजागर कर दिया.
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