मुजफ्फरपुर के पियर थाना क्षेत्र के रामपुर दयाल गांव में निजी जमीन पर जबरन सड़क निर्माण को लेकर विवाद हुआ. आरोप है कि स्थानीय मुखिया और जिला परिषद सदस्य ने अन्य लोगों के साथ मिलकर जमीन पर काम कराया और विरोध करने पर झोपड़ी गिरा दी. पुलिस ने मुखिया, जिला परिषद सदस्य और सैकड़ों अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज कर सड़क निर्माण रोक दिया है.
मुजफ्फरपुर जिले के बंदरा प्रखंड के पियर थाना क्षेत्र के रामपुर दयाल गांव वार्ड संख्या 11 में निजी जमीन पर जबरन सड़क निर्माण को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. मामला उस समय गंभीर हो गया जब सड़क निर्माण के दौरान निजी जमीन पर बने एक झोपड़ी को भी गिरा दिया गया. पीड़ित पक्ष का आरोप है कि स्थानीय मुखिया और जिला परिषद सदस्य ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उनकी जमीन पर जबरन काम शुरू कराया.
सड़क निर्माण के विरोध में पीड़ित सच्चितानंद ठाकुर ने आपत्ति जताई, लेकिन आरोप है कि दूसरे पक्ष ने लाठी-डंडे के बल पर काम जारी रखा. इस दौरान झोपड़ी को भी उजाड़ दिया गया. घटना की सूचना पाकर पियर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन सड़क निर्माण करवा रहे लोगों ने पुलिस के साथ भी अभद्र व्यवहार किया. हालात बिगड़ने पर कई थानों की पुलिस को मौके पर बुलाया गया.
पीड़ित पक्ष की शिकायत के आधार पर पियर थाना पुलिस ने स्थानीय मुखिया, जिला परिषद सदस्य समेत कई लोगों को नामजद और सैकड़ों अज्ञात लोगों को आरोपी बनाकर प्राथमिकी दर्ज की है. आरोप है कि न केवल सड़क का निर्माण जबरन कराया गया, बल्कि विरोध करने पर मारपीट और लूटपाट भी की गई. पुलिस ने सड़क निर्माण कार्य को रोककर जांच शुरू कर दी है.
पूर्वी अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही जांच कराई गई. अंचल अधिकारी की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि जब तक निजी जमीन मालिक की सहमति नहीं होगी, तब तक उस जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता. फिलहाल निर्माण कार्य रोक दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है. पुलिस लगातार निगरानी कर रही है ताकि दोबारा कोई अप्रिय स्थिति न बने. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि निजी संपत्ति पर बिना अनुमति कोई भी सरकारी या गैर-सरकारी निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता और इस मामले में दोषियों पर कानूनी कार्रवाई होगी.
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