गया में बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी (IMC) परियोजना की तीसरी बोर्ड बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिसमें NICDC द्वारा मास्टर प्लान को मंजूरी और EPC टेंडर जारी करने का फैसला शामिल है. 1,700 एकड़ में फैलेगी यह टाउनशिप बिहार की पहली एकीकृत औद्योगिक नगरी होगी.
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गया जी के औद्योगिक भविष्य की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम उठाया गया है. हाल ही में बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड (BIMCGL) की तीसरी बोर्ड बैठक हुई. यह बैठक BIADA के प्रबंध निदेशक और BIMCGL के सीईओ, श्री कुंदन कुमार (आईएएस) की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस बैठक में गया में एक बड़ी औद्योगिक टाउनशिप बनाने को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जो गया को एक नए औद्योगिक शक्ति केंद्र के रूप में स्थापित करेंगे.
IMC गया परियोजना पर महत्वपूर्ण निर्णय
बैठक में 'इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी' (IMC) गया परियोजना को लेकर कई खास निर्णय लिए गए. इनमें 'न्यू सिटीज़' के लिए एक प्रोग्राम मैनेजर की नियुक्ति करना शामिल है, जिससे परियोजना के प्रबंधन में आसानी होगी. नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NICDC) द्वारा इस परियोजना के मास्टर प्लान को भी मंजूरी दे दी गई है, जो इसके विकास के लिए एक रोडमैप का काम करेगा. इसके अलावा, इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) टेंडर जल्द ही जारी किया जाएगा, जिससे जमीन पर काम शुरू हो पाएगा. इन फैसलों से गया को विश्व स्तरीय मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने का संकल्प और मजबूत हुआ है. अब गया जी की धरती उद्योगों की नई उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार है.
बिहार की पहली एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप
गया का IMC प्रोजेक्ट बिहार की पहली एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप होगी. यह परियोजना अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (AKIC) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह टाउनशिप लगभग 1,700 एकड़ में फैलेगी और पूर्वी भारत में औद्योगिक विकास को बहुत बढ़ावा देगी. इस टाउनशिप में सिर्फ फैक्ट्रियां ही नहीं होंगी, बल्कि दुकानें, घर, सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों के लिए भी जगह होगी. यह एक पूरी तरह से विकसित शहर जैसा होगा, जहां लोग काम करने के साथ-साथ रह भी सकेंगे.
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी यह टाउनशिप
यह औद्योगिक टाउनशिप आधुनिक सुविधाओं से लैस होगी. इसमें 33% हिस्सा हरियाली के लिए आरक्षित रखा जाएगा, जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे. साथ ही, यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और कचरा प्रबंधन की आधुनिक व्यवस्थाएं होंगी. लॉजिस्टिक्स हब, बेहतर सड़कें, सुगम जल निकासी और एक एकीकृत कमांड सेंटर जैसी सुविधाएं भी इस टाउनशिप का हिस्सा होंगी. इन सारी व्यवस्थाओं को स्पेशल पर्पस व्हीकल (SPV) - बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड (BIMCGL) द्वारा संभाला जाएगा, ताकि परियोजना का सुचारु संचालन हो सके.
इस महत्वाकांक्षी परियोजना से लगभग 16,000 करोड़ रुपये का भारी निवेश आने की उम्मीद है. इसके परिणामस्वरूप, लगभग 1,10,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. इससे स्थानीय स्तर पर नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे और रोजगार की तलाश में बिहार से बाहर जाने वाले लोगों की संख्या कम होगी. यह प्रोजेक्ट भारत सरकार और बिहार सरकार मिलकर बना रही हैं, जिसके लिए नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट एंड इम्प्लीमेंटेशन ट्रस्ट (NICDIT) और बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) ने BIMCGL नाम का एक विशेष संगठन बनाया है.
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