कैमूर जिले के रामगढ़ विधानसभा के रामगढ़ और नुआंव प्रखंड के चंडेश और कलानी गांव के बीच गोरीया नदी उफना गई है. इसका पानी चंडेश और कलानी पथ पर सड़क से 2 फीट ऊपर बह रहा है.
कैमूर जिले के रामगढ़ विधानसभा के रामगढ़ और नुआंव प्रखंड के चंडेश और कलानी गांव के बीच गोरीया नदी उफना गई है. इसका पानी चंडेश और कलानी पथ पर सड़क से 2 फीट ऊपर बह रहा है. लगभग आठ गांव के हजारों एकड़ रोपे हुए खेतों को जलमग्न कर दिया है.
अब किसानों को चिंता सता रही है कि खेतों की सारी फसल नष्ट हो जाएगी. वहीं, सड़क से आने जाने वाले राहगीरों को बहुत परेशानी हो रही है. खास तौर से बाइक सवार और पैदल चलने वाले परेशान दिख रहे हैं. ग्रामीणों के अनुसार, पिछले 70 सालों से यही स्थिति बनी है.
ग्रामीण पवन कुमार राय ने बताया कि हमलोग स्थानीय सांसद विधायक चुनते हैं, लेकिन हमारी आवाज को कोई नहीं सदन में पहुंचाता है. लाखों रुपए का फसल लगाकर हमलोग खेती करते हैं. मगर, जब बाढ़ आता है तो कोई देखने तक नहीं आता. इस इलाके के 8 से 9 गांव गोरिया नदी से प्रभावित हैं. हमलोग चाहते हैं कि गोरिया नदी का तटबंध बना दिया जाए, जिससे कि यहां के लोगों को बाढ़ का सामना न करना पड़े.
चंडेश गांव के अरुण कुमार राय बताते हैं कि जब भी दो-तीन दिन बारिश होती है गोरिया नदी में बाढ़ आ जाता है. यह पानी सड़क के ऊपर चलने लगता है और हमलोगों के खेतों को डूबा देता है. सड़कों पर पानी चलने से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. गर्भवती महिलाओं को अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि इससे 10 गांव बाधित है. लगभग 2000 एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो जाता है. 20 सालों से हमलोग देख रहे हैं. फसल बीमा तो करते हैं, लेकिन लाभ नहीं मिल पाता.
नीलेश कुमार राय ने बताया कि गोरिया नदी के कारण लगभग 2000 एकड़ कृषि भूमि में बाढ़ आ गया है. यहां के सारे लोग कृषि पर निर्भर हैं. फसल नहीं होगी तो सभी लोग गरीब हो जाएंगे. जीतने के बाद कोई भी प्रतिनिधि काम नहीं करते हैं.
रिपोर्ट: मुकुल जायसवाल
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