Bihar Education Department: सरकारी स्कूलों में 'बैगलेस सैटरडे' का नया पाठ्यक्रम, जल्द होगा लागू
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Bihar Education Department: सरकारी स्कूलों में 'बैगलेस सैटरडे' का नया पाठ्यक्रम, जल्द होगा लागू

Bihar Education Department New curriculum: राज्य के सरकारी स्कूलों में 'बैगलेस सैटरडे' कार्यक्रम के तहत बच्चे अब बिना बैग के स्कूल जाएंगे. मई 2025 में इसका नया पाठ्यक्रम जारी होगा, जिसमें स्किल ट्रेनिंग, खेल और व्यक्तित्व विकास पर जोर होगा. कक्षा 1 से 8 के लिए यह अनिवार्य, जबकि 9 से 12 के लिए स्वैच्छिक है.

बैगलेस सैटरडे का नया पाठ्यक्रम जल्द होगा लागू
बैगलेस सैटरडे का नया पाठ्यक्रम जल्द होगा लागू

राज्य के सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए शनिवार को स्कूल बैग के बोझ से मुक्ति मिलेगी. अब हर शनिवार को 'बैगलेस सैटरडे' के तहत बच्चे बिना बैग के स्कूल जाएंगे और खेल, स्किल ट्रेनिंग और अन्य रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से सीखेंगे. नई शिक्षा नीति के तहत 11 नवंबर 2022 को इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि मई 2025 के दूसरे सप्ताह में इसका नया पाठ्यक्रम कैलेंडर जारी होगा. यह जानकारी उन्होंने 'शिक्षा की बात हर शनिवार' कार्यक्रम में दी.  

नए पाठ्यक्रम को जल्द ही एससीईआरटी के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जहां से स्कूल इसे डाउनलोड कर लागू कर सकेंगे. शिक्षा विभाग ने इसकी सफलता के लिए स्कूल स्तर पर निगरानी व्यवस्था शुरू करने का भी फैसला किया है. यह पाठ्यक्रम घंटे-दर-घंटे गतिविधियों को व्यवस्थित करेगा, जिसमें बच्चों के लिए कई नई गतिविधियां शामिल होंगी. इस पहल का उद्देश्य बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक और रचनात्मक शिक्षा देना है.  

'बैगलेस सैटरडे 2025' के पाठ्यक्रम में स्किल ट्रेनिंग और व्यक्तित्व विकास को विशेष रूप से शामिल किया गया है. इसके अलावा, खेल और अन्य रचनात्मक गतिविधियों को भी जोड़ा गया है, ताकि बच्चे मनोरंजन के साथ सीख सकें. यह पाठ्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास और नेतृत्व जैसे गुणों को विकसित करने में मदद करेगा. एससीईआरटी ने इस बार स्थानीय भाषा और संस्कृति को भी पाठ्यक्रम में जगह दी है, जो बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़े रखेगा.  

इस कार्यक्रम को राज्य के 72,000 से अधिक सरकारी स्कूलों में लागू किया गया है. कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए यह अनिवार्य है, जबकि कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए इसे स्वैच्छिक रखा गया है. पहले के पाठ्यक्रम में 12 क्षेत्रों की 120 गतिविधियां शामिल थीं, और अब नए पाठ्यक्रम में कई नई गतिविधियां जोड़ी जाएंगी. यह पहल बच्चों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

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