Bihar Assembly Election 2025: महाराष्ट्र और झारखंड के परिणामों ने महिला वोटरों की अहमियत को बढ़ा दिया है. बिहार में कुल 3 करोड़ 64 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और जागरूकता ने राजनीतिक दलों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सत्ता के सिंहासन तक पहुंचने के लिए अब सशक्त नारी को साधना होगा.
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Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार में इसी साल होने वाले सियासी दंगल में चितपट का खेल शुरू हो चुका है. हर दल और खिलाड़ी अपनी जीत को लेकर रणनीति बनाने में जुटे हैं. इसी बार सभी दलों का फोकस आधी आबादी पर ज्यादा है. दरअसल, महाराष्ट्र और झारखंड के परिणामों ने महिला वोटरों की अहमियत को बढ़ा दिया है. पिछले साल महाराष्ट्र में जहां महायुति गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला था, वहीं झारखंड में इंडिया ब्लॉक को स्पष्ट बहुमत मिला था. दोनों राज्यों में जीत की बड़ी वजह उन योजनाओं को माना जा रहा है जिनके केंद्र में महिलाएं थीं. बिहार जैसे राज्य में महिलाएं पहले से ही सत्ता की दिशा तय कर रही हैं. महिलाओं की बढ़ती भागीदारी और जागरूकता ने राजनीतिक दलों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सत्ता के सिंहासन तक पहुंचने के लिए अब सशक्त नारी को साधना होगा.
बिहार में कुल 3 करोड़ 64 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. पिछली बार तेजस्वी यादव के हाथ में सत्ता आते-आते फिसल गई थी, क्योंकि महिलाओं ने एनडीए सरकार को अपना समर्थन दिया था. इसे देखते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अभी से महिलाओं को साधने में जुटे हैं. आधी आबादी को साधते हुए तेजस्वी ने बड़ी घोषणा करते हुए माई-बहिन मान योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने का वादा किया गया है. महागठबंधन में ही क्रेडिट वॉर में कांग्रेस ने राजद से एक कदम आगे निकलते हुए इस योजना के लाभ के लिए महिलाओं को रजिस्टर्ड करने का काम भी शुरू कर दिया है और एक नंबर भी जारी किया है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी कांग्रेस ने ऐसा ही दांव चला था और पार्टी को इसका फायदा भी मिला था.
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वहीं नीतीश कुमार का बिहार की सत्ता में आने के बाद मुख्य फोकस महिलाओं पर ही रहा और महिला वोटर्स का समर्थन भी नीतीश कुमार को मिलता रहा है. अपने साइलेंट वोटर्स को अपने साथ जोड़े रखने के लिए नीतीश सरकार भी सतर्क हो गई है. इस साल का बजट पूरी तरह से महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित रहा था. चुनावी साल में बिहार सरकार ने अपने बजट में महिलाओं के लिए मोबाइल जिम, कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल, पिंक टॉयलेट, पिंक बस सेवा, परिवहन निगम में आरक्षण और महिला हाट जैसी योजनाओं का ऐलान किया था. सरकार ने रोजगार, डोमिसाइल नीति और पेंशन के मुद्दे पर जिस तरह से तेजस्वी यादव पर पॉलिटिकल स्ट्राइक की है, उससे लगता है कि जल्द ही माई-बहिन योजना का काउंटर किया जा सकता है.
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