Jharia Master Plan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 5,940.47 करोड़ रुपए के संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी है.
Trending Photos
रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को 5,940.47 करोड़ रुपए के संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी, जिसका उद्देश्य झरिया कोलफील्ड में आग, भूमि धंसाव और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास से संबंधित मुद्दों का समाधान करना है. सीसीईए की बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार, योजना के चरणबद्ध कार्यान्वयन से आग तथा धंसाव से निपटने तथा प्रभावित परिवारों को अत्यंत विकट स्थलों से प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित पुनर्वास सुनिश्चित होगा.
संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) योजना के तहत पुनर्वासित किए जा रहे परिवारों के लिए स्थायी आजीविका सृजन पर अधिक जोर देता है. इसके अलावा, लक्षित कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किए जाने हैं और पुनर्वासित परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए आय-सृजन के अवसर पैदा किए जाएंगे. आधिकारिक बयान में बताया गया है कि 1 लाख रुपए के आजीविका अनुदान और संस्थागत ऋण पाइपलाइन के माध्यम से 3 लाख रुपए तक के ऋण समर्थन तक पहुंच कानूनी शीर्षक धारक परिवारों और गैर-कानूनी शीर्षक धारक परिवारों दोनों को दी जाएगी. इसके अलावा, पुनर्वास स्थलों पर इंफ्रास्ट्रक्चर और आवश्यक सुविधाएं- जैसे सड़क, बिजली, पानी की सप्लाई, सीवरेज, स्कूल, अस्पताल, कौशल विकास केंद्र, सामुदायिक हॉल और अन्य सामान्य सुविधाएं- विकसित की जाएंगी.
बयान में कहा गया है कि इन प्रावधानों को संशोधित झरिया मास्टर प्लान के कार्यान्वयन के लिए समिति की सिफारिशों के अनुसार लागू किया जाएगा, जिससे समग्र और मानवीय पुनर्वास दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा. आजीविका समर्थन उपायों के हिस्से के रूप में, आजीविका से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष की स्थापना की जाएगी. बयान में कहा गया है कि क्षेत्र में संचालित बहु कौशल विकास संस्थानों के सहयोग से कौशल विकास पहल भी की जाएगी.
भारत के झारखंड में झरिया कोयला क्षेत्र लंबे समय से भूमिगत कोयला आग, भू-धंसाव और संबंधित पर्यावरणीय और स्वास्थ्य खतरों के कारण गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है. ये मुद्दे ऐतिहासिक माइनिंग प्रैक्टिस और क्षेत्र में माइनिंग कोल डिपॉजिट के अंतर्निहित जोखिमों से उत्पन्न होते हैं. भूमिगत खनन गतिविधियां आग के साथ मिलकर भूमि के धंसने का कारण बनती हैं, जहां सतह की भूमि ढह जाती है या डूब जाती है. यह निवासियों और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सीधा खतरा पैदा करता है.
इनपुट- आईएएनएस
झारखंड की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहाँ पढ़ें Jharkhand News in Hindi और पाएं Jharkhand latest news in hindi हर पल की जानकारी । झारखंड की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!